पानी नहीं घी से धोया जाता है ये मंदिर, बहती हैं नदियां
कोलकाता टाइम्स :
मंदिरों के अपने रिवाज होते हैं जिन्हे वो लोग मानते भी हैं. ऐसे ही गुजरात में एक ऐसा मंदिर है जिसे घी से धोया जाता है. इसके बारे में जानकर आपको हैरानी होती है. आज हम इसी मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं. बता दें कि यह मंदिर गुजरात के गांधीनगर में रूपल नामक एक गांव में स्थित है. इसे वरदायिनी देवी मंदिर के नाम से जाना जाता है. यहां पर घी से क्यों धोया जाता है इसके बारे में आपको बताने जा रहे हैं.
आपको बता दें, भक्त जब इस मंदिर को घी से धोते हैं तब ऐसा मालूम पड़ता है कि जैसे मंदिर से घी की नदी बह रही हो. ऐसा बताया जाता है कि इस मंदिर को घी से धोए जाने की यह परंपरा बहुत पुरानी है. ऐसी मान्यता है कि घी से मंदिर को धुलने पर वरदायिनी देवी की कृपा बरसती है. ऐसा करने से मंदिर की पवित्रता बनी रहती है और भक्तों के जीवन में सम्पन्नता आती है. यह नज़ारा नवरात्रि के मौके पर होता है जिसे देखते ही रह जाते हैं लोग. दरअसल इस अवसर पर मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ लगती है. भक्त बड़ी ही श्रद्धा के साथ इस मंदिर में काफी दूर-दूर से आते हैं.
इतना ही नहीं, कहते हैं कि नवरात्रि की नवमी के मौके पर लकड़ी से बना एक रथ पूरे गांव में घुमाया जाता है. इस रथ पर बने पांच सांचों में अखण्ड ज्योति जलाई जाती है. बताते हैं कि इस रथ और ज्योति को देखने के लिए लोगों में काफी उत्साह पाया जाता है. कहा जाता है कि वरदायिनी देवी को घी चढ़ाने से उनकी कृपा बरसती है. इससे भक्तों की सारी समस्याएं दूर होने लगती हैं और वे एक अच्छा जीवन व्यतीत करते हैं. जिसकी जितनी श्रद्धा होती है वो उतना ही घी चढ़ाता है.