मौसी का लेटर पढ़ने की कीमत पिता को जेल जाकर चुकानी पड़ी
इस मामले में अभियोजन पक्ष का आरोप था कि पिता ने जिस खत को खोला है दरअसल वह उस खत को खोलने के लिए अधिकृत नहीं थी और इसी कारण कोर्ट ने इसे निजता का उल्लंघन माना और सजा सुना दे गई.
जनकारी के मुताबिक, अभियोजन पक्ष ने कोर्ट में कहा था यह खत लड़के को उसके मौसी द्वारा भेजा गया था और पिता को यह खत खोलने का कोई भी अधिकार नहीं था.
इस मामले में आगे मौसी ने बेटे को बताया था कि साल 2012 में कैसे उसके पिता ने उसकी मां के साथ दुर्व्यहार किया था और बेटे के पास इतने सुबूत थे कि वह पिता के खिलाफ जुर्म साबित कर सकता था. जबकि दूसरी ओर पिता ने अपने बचाव में खत खोलने की कोई भी वजह अब तक नहीं बताई है और बस उन्होंने इस पर कहा कि बेटे की मौसी कैसे उसके खिलाफ बेटे को गवाही देने के लिए भड़का रही है.