भारत के खिलाफ इस साजिश में चीन-पाकिस्तान के साथ नार्थ कोरिया की सीक्रेट डील
कोलकाता टाइम्स :
पिछले साल फरवरी में गुजरात के कांडला पोर्ट से एक चीनी शिप Dai Cui Yun से भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने बैलिस्टिक मिसाइल में इस्तेमाल किये जाने वाला आटोक्लेव को बरामद किया था। जांच में ये खुलासा हुआ था कि पकड़ा गया चीनी शिप चोरी छुपे पाकिस्तान के कराची पोर्ट जा रहा था। रिपोर्ट के मुताबिक ये खुलासा भी हुआ कि चीन ने पाकिस्तान के शाहीन-2 मिसाइल प्रोग्राम की मदद के लिए आटोक्लेव भेजा था।
जानकारों के मुताबकि लंबी दूरी की मिसाइल में आटोक्लेव के इस्तेमाल से मारक क्षमता बढ़ाई की जा सकती है। ये पहला मामला नहीं है जब हाई टेक हथियारों से जुड़ी टेक्नोलॉजी ट्रांसफर में चीन-पाकिस्तान का नाम सामने आया हो।
सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान, चीन और नार्थ कोरिया के बीच चोरी छुपे हथियारों की आपूर्ति के साथ न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी ट्रांसफर करने का लंबा इतिहास रहा है। अब चोरी छिपे हुई इन मूवमेंट को लेकर अमेरिका (US) समेत पूरी दुनिया ने चिंता जताई है।
सुरक्षा से जुड़े अधिकारी के मुताबिक, ‘पाकिस्तान के परमाणु प्रोग्राम को डेवलप करने में चीन का बड़ा रोल रहा है। नार्थ कोरिया के न्यूक्लियर प्रोग्राम और उसकी मिसाइलों को डेवलप करने में चीन-पाकिस्तान की भूमिका से इंतजार नहीं किया जा सकता। इन हालातों में उत्तर कोरियाई शिप की बड़ी तादाद में हुई मूवमेंट, चिंताजनक है