मुरब्बे है पसंद? इसके खाने क्या हो सकता है जान तो लीजिये
कोलकाता टाइम्स :
मुरब्बा हमारे खान-पान का सदियों से हिस्सा रहा है। मध्य पूर्वी देशों में फलों और सब्जियों को प्रिजवर्ड करके इन्हें पूरे सालभर खाने के इस्तेमाल में लिया जाता था। वहीं से मुरब्बा, दुनियाभर में खान-पान का हिस्सा बन गया। मुरब्बा खाने में मीठे होते हैं इसलिए अकसर लोग इसे खाने के बाद या पहले मीठे के तौर पर खाना पसंद करते हैं। कई मुरब्बे तो मौसम को ध्यान में रखकर खाएं जाते हैं। हम में से कई लोगों को लगता है कि मुरब्बा सिर्फ आंवले या आम का ही बनता है तो बता दें कि ऐसा बिल्कुल नहीं है। आंवले के अलावा कई और फलों से भी मुरब्बा बनाया जाता है जैसे सेब, गाजर, बेल आदि। आइए आज हम आपको बताते हैं तरह-तरह के मुरब्बे और उनके फायदों के बारे में।
आंवले का मुरब्बा आंवला विटामिन सी, अमीनो एसिड, और कॉपर जैसे पौषक तत्वों से भरपूर होता है। इसके नियमित सेवन से हमारे पाचन तंत्र और इम्यून सिस्टम मजबूत होते हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण हृदय, लिवर संबंधी बीमारियां होती हैं। आंवले के मुरब्बे में मौजूद विटामिन सी शरीर में कैल्शियम और आयरन के अवशोषण को बढ़ावा देता है। इससे सर्दी-जुकाम व कफ में आराम मिलता है और हड्डियां, दांत, नाखून और बाल मजबूत व स्वस्थ होते हैं।
प्रेगनेंसी के दौरान आंवले के मुरब्बे का सेवन करने से गर्भवती महिलाओं में खून की कमी तथा रक्त में हीमोग्लोबिन की कमी को दूर करता है। बाल झड़ने, बाल असमय सफेद होने जैसी समस्याओं में मुरब्बे का सेवन काफी कारगर है।
सर्दियों के मौसम में इसे खाने से कई फायदे शरीर को मिलते हैं। गाजर का मुरब्बा एंटीऑक्सिडेंट तत्वों से भरपूर गाजर के मुरब्बे के नियमित सेवन से हाई ब्लड प्रेशर और हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कम रहता है।
शरीर में आयरन की पूर्ति कर खून की कमी को पूरा करता है और स्फूर्ति प्रदान करता है। इसमें मौजूद बीटा कैरोटीन और विटामिन ए जैसे पोषक तत्व कैंसर और रतौंधी को रोकने में मदद करते हैं। यह आंखों की रोशनी बढ़ाने के साथ ही यूवी किरणों से त्वचा को होने वाले नुकसान को कम करता है।
कच्चे आम का मुरब्बा : आम का मुरब्बा शरीर में रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करता फिनोलिक नामक एंटीऑक्सिडेंट गुण से भरपूर कच्चे आम का मुरब्बा शरीर में अम्लता और पाचन की समस्या को दूर करता है। शरीर में किसी भी तरह का बैक्टीरियल संक्रमण, कब्ज, दस्त, पेचिश की स्थिति में इस मुरब्बे के सेवन से आराम मिलता है। कच्चे आम में मौजूद विटामिन ए, बीटा कैरोटीन, विटामिन ई और सेलेनियम हार्ट डिजीज से बचाने के साथ ही नेत्र विकारों के इलाज में भी सहायक है। इसमें भरपूर मात्रा में मौजूद आयरन तत्व से शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर नियंत्रित रहता है। यह एनीमिया से पीड़ित व्यक्ति और गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद है। यह एनर्जी बूस्टर का काम करता है।
हरड़ का मुरब्बा हरड़ का मुरब्बे चोट या घाव होने पर औषधि की तरह काम करता है। इसका सेवन शरीर के सूजन को कम करता है। यह भूख न लगने, पेट में कीड़े होने और पाचन संबंधी समस्याओं में राहत दिलाता है। जठरांत्र रोगों, ट्यूमर, बवासीर, मूत्र विकारों और मूत्राशय की पथरी में हरड़ के मुरब्बे का सेवन काफी लाभदायक होता है। मुरब्बे को गुड़ के साथ सेवन करने पर गठिया में सुधार हो सकता है।
फेमस सेब का मुरब्बा : सुबह खाली पेट सेब का मुरब्बा खाकर हार्ट से जुड़ी समस्याओं को कम किया जा सकता है। यह शरीर की शिथिलता और मानसिक तनाव को नियंत्रित रखता है। सिरदर्द, चिड़चिड़ापन, अनिद्रा, भूलने की समस्या से बाहर लाने में सेब का मुरब्बा कारगर है।
रात में गर्म दूध के साथ सेब का मुरब्बा लेने से अनिद्रा की स्थिति से भी बचा जा सकता है। इसमें मौजूद विटामिन सी स्कर्वी नामक रोगों के इलाज में मददगार साबित होता है। इसके अलावा सेब का मुरब्बा चेहरे पर झुर्रियां, बाल झड़ने और उनके असमय सफेद होने जैसी समस्याओं के इलाज में भी यह कारगर होता है। यह एनीमिया से ग्रस्त लोगों के लिए भी फायदेमंद है। बेल का मुरब्बा बेल में मौजूद टेनिन और रेचक गुण पेचिश, हैजा, डायरिया जैसी स्थितियों में प्रभावकारी हैं। विटामिन और खनिज तत्वों से समृद्ध इस मुरब्बे का नियमित सेवन पेट के रोगों के खिलाफ लड़ने में प्रभावी भूमिका अदा करता है और पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है।