गजब ! आज भी राष्ट्रीय फूल को तरस रहा यह देश
बता दें की युगांडा एक लैंडलाक देश है यानी यह चारों तरफ से भूमि से घिरा हुआ है. इसकी सीमा पूर्व में केन्या, पश्चिम में कांगो, उत्तर में सूडान और दक्षिण में तंजानिया से मिलती है. आपको जानकर हैरानी होगी कि यहां की एक तिहाई जनसंख्या अंतरराष्ट्रीय गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करती है. यहां के लोगों की हर रोज की कमाई दो डॉलर यानी 153 रुपये से भी कम है. युगांडा में एक चर्च है, जिसे यहां का सबसे छोटा और संभवत: दुनिया का दूसरा सबसे छोटा चर्च माना जाता है. यह इतना छोटा है कि यहां पादरी को मिलाकर सिर्फ तीन लोग ही खड़े हो सकते हैं. 1996 में बने इस चर्च का वैसे तो कोई नाम नहीं है, लेकिन लोग इसे ‘बिकू पहाड़ी का चर्च’ के नाम से जानते हैं.
वैसे तो लगभग हर देश का कोई न कोई राष्ट्रीय फूल होता ही है, जैसे कि भारत का राष्ट्रीय फूल कमल है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि युगांडा में कोई राष्ट्रीय फूल है ही नहीं. अब इसकी वजह तो युगांडा ही बता सकते हैं. दुनिया के सबसे खूंखार तानाशाहों में से एक ईदी अमीन भी युगांडा का ही तानाशाह था. कहते हैं कि वो बंदरों से लेकर इंसानों तक का भी मांस खा जाता था. एक अनुमान के अनुसार, उसके शासनकाल में एक लाख से पांच लाख के बीच लोग बेरहमी से मार डाले गए गए थे.