खाये या खिलाये ! छह महीने की सैलरी के बदले टीचर को थमा दिया घोड़ा
‘गरीबी में आटा गिला’ कुछ ऐसी ही स्थिति अब अर्जुन कटारे की है। धामनोद के ग्राम कुंदा में रहने वाले अर्जुन कटारे धामनोद के हिमालया स्कूल में हॉर्स राइडिंग टीचर थे। वो ठेकेदार सचिन राठौर के अंडर में स्कूल में बच्चों को घुड़सवारी सिखाते थे। लेकिन कोरोना संक्रमण ने सब चौपट कर दिया।
कोरोना संक्रमण के कारण स्कूल पिछले डेढ़ साल से बंद पड़ा है। ज़ाहिर है जब बच्चे स्कूल आ ही नहीं रहे तो घुड़सवारी भी बंद पड़ी है। अर्जुन की नौकरी तो चली ही गई, साथ ही स्कूल प्रबंधन ने उसे पिछले 6 माह की तनख्वाह भी नहीं दी। अर्जुन अपनी सैलरी मांगने ठेकेदार सचिन राठौर के पास पहुंचा तो सचिन ने वेतन देने की बजाये घोड़ा अर्जुन को थमा दिया और यह बोलकर कहीं चला गया कि आठ दस दिन में वापस आकर आपका वेतन दे दूंगा और घोड़ा ले जाऊंगा।
लेकिन ठेकेदार सचिन राठौर लौट कर नहीं आया। अब अर्जुन और ज़्यादा परेशान है। गरीबी में आटा गीला हो गया। पहले ही 6 माह से वेतन नहीं मिला था इसलिए कड़की चल रही थी और अब ये घोड़ा और इसके रखरखाव का खर्च अर्जुन के गले पड़ गया।