बिना रत्न पहने भी मिल सकता ग्रहों की सकारात्मक ऊर्जा, कैसे ….
[kodex_post_like_buttons]
कोलकाता टाइम्स :
ज्योतिष की एक विधा अंक शास्त्र है। इसमें 1 से 9 तक के प्रत्येक अंक के साथ एक-एक ग्रह को जोड़ा गया है और उसी ग्रह के अनुसार संबंधित व्यक्ति का व्यवहार और व्यक्तित्व तय होता है। यही अंक हमें भविष्य में सफल होने का मार्ग भी दिखाते हैं। चाहे वह कॅरियर की बात हो या जीवन की अन्य बातों की, ये अंक अपने स्वभाव के अनुसार हमारा व्यक्तित्व तय करते हैं। इन्हीं अंकों के साथ इनसे जुड़े ग्रहों की ऊर्जा भी जुड़ी होती है, जिनका सही समय पर उपयोग करके जीवन को सकारात्मक ऊर्जा से भरा जा सकता है। इस ऊर्जा को समझकर, उसके अनुरूप कार्य करके और उससे ऊर्जा लेकर हम अपने स्वभाव को भी बदल सकते हैं और कॅरियर में बेहतर मुकाम भी प्राप्त कर सकते हैं। इस ऊर्जा को प्राप्त करने के लिए किसी रत्न को धारण करने की जरूरत नहीं है, इनसे संबंधित उपाय करके ग्रहों की ऊर्जा को ग्रहण किया जा सकता है।
भाग्यांक
इसके लिए जरूरत होती है आपके भाग्यांक की। किसी व्यक्ति की पूरी जन्म तारीख को जोड़कर उसका सिंगल अंक प्राप्त किया जाता है वह भाग्यांक होता है। भाग्यांक निकालने के लिए जन्म की तारीख, जन्म का माह और जन्म का वर्ष जोड़ा जाता है। यदि किसी व्यक्ति की जन्म तारीख 3 जनवरी 2001 है तो भाग्यांक निकालने के लिए 3, 1, 2001 का जोड़ करके एक सिंगल अंक निकाला जाता है। इस जन्म तारीख के लिए यह सिंगल अंक होगा 7. यानी इस व्यक्ति का भाग्यांक हुआ 7, तो उसे अंक 7 के अनुसार परिणाम देखना होगा।
भाग्यांक के अनुसार ये उपाय करें
भाग्यांक 1 सूर्य का प्रतीक है। जिनका भाग्यांक एक है, वे नित्य प्रतिदिन सूर्य के दर्शन करें, अर्घ्य दें, सूर्य के प्रकाश में बैठकर यह सोचें कि जैसे सूर्य सबको प्रकाश देता है वैसे ही वह प्रकाश भी हमें भीतर और बाहर से प्रकाशमान कर रहा है। यह बात अवचेतन मन में बैठकर सकारात्मक असर दिखाती है।
चंद्र का प्रकाश
भाग्यांक 2 चंद्रमा का प्रतीक है। इस अंक वाले व्यक्ति पूर्णिमा की रात में कुछ देर चंद्रमा के प्रकाश में बैठें और सकारात्मक भाव से सोचें। यह अनुभव करें कि चंद्र का प्रकाश उनके भीतर प्रवेश करके उनकी सारी नकारात्मक ऊर्जा को बाहर निकाल रहा है।
भाग्यांक 3 गुरु से संबंधित है। इस अंक वाले व्यक्ति गलत संगति न करें। अपनी रीडिंग हैबिट बढ़ाएं। गुरु की तरह आप भी यही सोचें कि दूसरों का हित हो और उनके आगे बढ़ने के साथ आप भी आगे बढ़ें।
ग्यांक 4 राहू से संबंधित है। इस अंक वाले गणेशजी की पूजा करें। गणेशजी के दर्शन करते हुए यह अनुभव करें कि गणेशजी की तरह बुद्धि, सिद्धि आपके पास भी आ रही है।
भाग्यांक 5 बुध का अंक है। यह स्थायित्व और बुद्धिमत्ता की बात कहता है। इस ग्रह की सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव करने के लिए भोजन में हरी वस्तुएं अधिक खाएं और ऐसे पौधे लगाएं जिनकी आयु लंबी होती हो जैसे बड़, पीपल आदि। ताकि जैसे जैसे वे बढ़ें, लोगों को छाया और ऑक्सीजन दें। आपको भी सकारात्मक ऊर्जा मिलती रहे।
भाग्यांक 6 शुक्र का अंक है और यह स्त्री प्रधान ग्रह माना जाता है। ऐसे लोग महिलाओं को खुश रखें, सम्मान दें। उनका आशीष, दुआ आपको आगे बढ़ाएगी। छोटी कन्याओं को समय-समय पर उपहार देने से शुक्र की सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।
गणेशजी की पूजा करें
भाग्यांक 7 केतु का अंक है। ऐसे लोग दिमाग से ज्यादा दिल की बात मानते हैं। आप गणेशजी की पूजा करें और यदि अध्यात्म की तरफ मन मुड़ता है तो उसे अपनाएं।
भाग्यांक 8 शनि का अंक है। यह अनुशासन में रहकर कर्म करने की बात कहता है। ऐसे लोग अपने अधीनस्थों को दुख न पहुंचाएं और लोगों को उनकी मेहनत का पैसा दें।
भाग्यांक 9 मंगल का अंक है। ऐसे लोग गुस्से के तेज होते हैं। भोजन में ठंडे पदार्थ शामिल करें, पानी हमेशा बैठकर शांति से पीएं। जब भी गुस्सा आए धीरे-धीरे पानी पीएं।