मालिकों को पता ही नहीं चला और यह खा गए 117 एकड़ जमीन
जानकारी के अनुसार, अनहर गांव की जमीन हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड और रामेश्वर जूट मिल्स लिमिटेड के हाथों बेच दी गई. लैंड माफिया ने फर्जी कागजात बनवा कर इस कांड को अंजाम दिया. हैरानी की बात यह है कि न तो कंपनियों के प्रतिनिधियों और न ही सरकार का इस धोखाधड़ी के बारे में पता चल सका. अनहर गांव में आदिवासी समुदाय कोरवा और यादव जाति के लोग रहते हैं.
ग्रामीण अपने काम और घरों में मस्त थे और इधर इनकी जमीन बिचौलियों ने बेच डाली. चौकीदार मिउटेसन के लिए जो इश्तहार लेकर आए थे, उनमें अनहर गांव के ग्रामीणों की जमीन और घर तक शामिल थे. दोनों समुदाय के कुल 117.39 एकड़ की जमीन की रजिस्ट्री हुई है. आरोप है कि यह कारनामा गांव के ही कुछ लोगों ने किया है.
रंका अंचल कार्यालय से नामांतरण का इश्तहार निकला तब जाकर इस फर्जीवाड़े का भेद खुला.