बस कुछ साल, इंतजार आपके चोंच निकलने का !
लंदन के जीव वैज्ञानिकों का कहना है कि आधुनिक खान पान और आबादी के तेजी से बूढ़ा होने के कारण भविष्य में मानव जाति एक ऐसी प्रजाति का रूप लेगी जिसके दांत कम होंगे और मौजूदा दांत उसके खानपान के काम नहीं आएंगे। शेफफील्ड यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि ऐसे कई सिद्धांत हैं जिसके अनुसार भविष्य में इंसान का एक अलग स्वरूप होगा जिसमें उसे तत्कालीन जरूरतों को पूरा करने के लिए उसमें शारीरिक बदलाव होंगे। थीनइंफोर्मेशनडेली.काम के अनुसार वैज्ञानिकों ने पफरफिश के जबड़ों का भी अध्ययन किया है। ये मछली अपनी चोंच से केकड़ों और शैवालों तक को चीर-फाड़ लेती है। प्रमुख अनुसंधानकर्ता डॉ. गैरथ फेजर का कहना है कि चोंच अधिक व्यवहारिक और मजबूत है। एक अन्य सिद्धांत में ये भी बताया जाता है कि भविष्य में इंसानों के पास अनगिनत दांत होंगे। यानी एक दांत उखड़ा या टूटा तो उसकी जगह एक नया दांत स्वत: ही निकल आएगा। ये दांत जबड़े से जुड़े रहेंगे लेकिन इनके साथ हड्डी नहीं होगी। अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि इंसानी कोशिकाएं ऐसी होंगी जो नया दांत विकसित होने में मददगार होंगी। इसलिए भावी पीढि़यों में टूथफेरी सेल अधिक होंगी।