November 23, 2024     Select Language
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क्या यह राज जानते हैं फांसी की सजा देने के बाद जज क्यों तोड़ देते हैं पेन !

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कोलकाता टाइम्स :

फ‍िल्‍मों में मौत की सजा सुनाने के बाद न्‍यायाधीशों को पेन की निब को दबाकर तोड़ते हुए दिखाया जाता है। कानून में ऐसा कोई प्रावधान या नियम नहीं है जिसमें जज का निब तोड़ना जरुरी हो लेकिन भावनात्‍म और प्रतिकात्‍मक रूप से ऐसी कलम जिसने किसी की मौत लिखी हो उससे वापस उपयोग नहीं करने के लिए निब को तोड़ा जाता है।

भारतीय दंड संहिता की धारा 302 में मौत की सजा का प्रावधान है ऐसे मामले की सुनवाई डीजे स्‍तर के न्‍यायिक अधिकारी ही सुन सकते हैं सामान्‍यत न्‍यायिक अधिकारी जीवन के लिए फैसला देते हैं लेकिन जब उनको किसी के जीवन लेने का फैसला लेने के फैसले पर हस्‍ताक्षर करना होता है तो उस कलम या पैन का दुबारा उपयोग नहीं करे इसी मकसद से निब को तोड़ा दिया जाता है।

पहले स्‍यायी वाले निब के पैन उपयोग किए जाते थे इनके निब तोड़ने के बाद नए निब लगाकर उपयोग किए जा सकते थे लेकिन अब जैल या दूसरे पैन उपयोग में आने लगे हैं जिसकी वजह से पैन निब को तोड़ने की जगह नए पैन का उपयोग किया जाने लगा है।

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