November 23, 2024     Select Language
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सपनों की इस शहर में नौकरी ने भगाये महिलाओं को  शादी के लिए भी नहीं बची 

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कोलकाता टाइम्स : 

विकास के नए आयाम लिख चुके यूरोप में तेजी से गोते खा रहा सेक्स रेश्यो चिंताजनक स्थिति में पहुंच गया है. सबसे बुरा हाल उस फिनलैंड का है. जिसकी गिनती दुनिया के सबसे खुशहाल देश के रूप में होती है. यहां के एक टाउन एनोनकोस्की में महिलाओं की तादाद पुरुषों के मुकाबले आधी हो गई है. इसका मतलब कि यहां लोगों को शादी के लिए महिलाएं नहीं मिल रही हैं.

हैरानी इस बात की है कि पूरी दुनिया में अपनी खूबसूरती और नेचुरल साइट सीन्स के लिए मशहूर इस क्षेत्र के लोग अब अकेलेपन का शिकार होने लगे हैं. इस क्षेत्र में एक महिला के मुकाबले दो पुरुष रह गए हैं. इन्हीं हालातों की वजह से एनोनकोस्की का ये इलाका चर्चा का विषय बन गया है. यहां लकड़ी के चर्च, लंबे-लंबे देवदार के पेड़ और बबलिंग नदी की खूबसूरती सिर्फ यूरोप ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के सैलानियों को अपनी ओर खींच लेती है. यह गांव बड़े शहरों के तनाव से बचने के इच्छुक लोगों के लिए एक सपने के सच होने जैसा है. इसके बावजूद यहां तेजी से घट रही महिलाओं की आबादी ने पूरे यूरोप में नई बहस छेड़ दी है. france24.com में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, इस इलाके में नौकरियों और कॉलेजों की कमी के कारण महिलाएं गांव को छोड़कर शहरों का रुख कर रही हैं. जबकि, इलाके के पुरुष स्थानीय नौकरियों को प्राथमिकता दे रहे हैं. ऐसे में महिलाओं की तादाद लगातार कम होते-होते अब आधे तक पहुंच गई है. 1,400 लोगों की आबादी वाले इस गांव में, 15-24 आयु वर्ग में पुरुषों की संख्या महिलाओं की अपेक्षा दो गुनी हो चुकी है.इस एज ग्रुप में तो गांव में केवल 28 महिलाएं ही बची हैं. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, फिनलैंड में आधे से अधिक ग्रामीण नगर पालिकाओं में अब 15-24 आयु वर्ग में प्रत्येक 100 पुरुषों के लिए 81 से कम महिलाएं हैं. बड़ी संख्या में महिलाएं उच्च शिक्षा या अच्छी नौकरी की तलाश में बाहर निकल रही हैं.

दुनियाभर में माना जाता है कि फिनिश (फिनलैंड) लड़कियां अक्सर स्कूल में लड़कों से बेहतर प्रदर्शन करती हैं. लड़कों के मुकाबले यहां की लड़कियां हाई लेवल स्टडी और स्किल्ड एजुकेशन पर ज्यादा फोकस करती हैं. इसलिए उनके विजन और काबिलियत के हिसाब से यहां नौकरियां है ही नहीं.

जबकि ग्रामीण इलाकों में कृषि और कंस्ट्रक्शन सेक्टर ही नौकरी का एकमात्र जरिया हैं, ऐसे में ज्यादा पढ़ी-लिखी और स्किल्ड महिलाओं के लिए यहां नौकरी न होने पर उनके सामने पलायन के अलावा कोई चारा ही नहीं है.

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