नाक है तो अलजाइमर्स से कैसा डर
कोलकाता टाइम्स :
जर्मनी के वैग्यानिकों की मानें तो अब आपकी नाक ही आपको अलजाइमर्स से बचा सकती है। उनका दावा है कि अलजाइमर्स की पहचान करने के लिये नाक भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। इस खोज को इसलिये अहम माना जा रहा है क्योंकि इससे अब अलजाइमर्स के लक्षण दिखने से पहले ही इसका पता लगाया जा सकेगा। अब तक की स्थिति यह है कि समृतिलोप के संकेतों से जब तक इसका पता लग पाता है, तब तक ब्रेन डैमेज हो चुका होता है। अब इस खोज के बाद नाक में मौजूद कुछ प्रोटीन तत्वों की पहचान की जा सकेगी जो अलजाइमर्स का कारण बनते हैं। डेली एक्सप्रेस के अनुसार वैग्यानिकों का मानना है कि अब इस विधि से बहुत जल्द ही अलजाइमर्स की पहचान की जा सकेगी। नाक में मौजूद यह प्रोटीन के तत्व मस्तिष्क में भी कोशिकाओं को नष्ट कर देते हैं और अलजाइमर्स व डिमेंशिया को बढ़ावा देते हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अलजाइमर्स 50 वर्ष के बाद ही होता है। इसमें आदमी की याददाश्त कम होने लगती है और भूलने की प्रक्रिया बढ़ जाती है। इस रोग में मस्तिष्क का कारटेक्स डिजनरेट करने लगता है। ऐसी स्थिति में घी, तेल का परहेज करना चाहिये। हरी सब्जियों का सेवन लाभदायक है।