जानते हैं इस मौके पर क्यों जरुरी होता है जुआ?
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कोलकाता टाइम्स :
भारत परंपराओं और संस्कृति का देश है इसलिए हर त्योहार कुछ ना कुछ जरूर कहता है। हमारे देश के हर फेस्टिवल से कुछ ऐसी चीजें जुड़ी हुईं हैं जिनका नकारात्मक असर लोगों के मन-मस्तिष्क पर पड़ता है। गुलजार की नजरों से .. चलो इस दफ़े दिवाली घर पे मनाते हैं …. जानिए कैसे इस दिवाली पर मां लक्ष्मी को करें प्रसन्न? जैसे हमारे यहां लोग होली और शिवरात्रि पर भांग पीते हैं वैसे ही दिवाली की रात पर हमारे यहां के बहुत लोग जुआ खेलते हैं, हालांकि यह प्रथा अच्छी नहीं है लेकिन कहते है ना खेलने वालों को खेलने का बहाना चाहिए ठीक उसी तरह जुआ खेलने वाले दिवाली की रात का बेसब्री से इंतजार करते हैं।
भगवान शिव और पार्वती ने भी जुआ खेला था ऐसा माना जाता है कि दिवाली के दिन भगवान शिव और पार्वती ने भी जुआ खेला था, तभी से ये प्रथा दिवाली के साथ जुड़ गई है। हालांकि शिव और पार्वती द्वारा दिवाली पर जुआ खेलने का ठोस तथ्य किसी ग्रंथ में नहीं मिलता। जुआ खेलने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं? लोगों का मानना है कि जुआ खेलने से माता लक्ष्मी आप पर प्रसन्न होती है और आपके पास से कहीं नहीं जाती है लेकिन क्या ऐसा संभव है कि भगवान किसी बुराई वाली चीज पर खुश होते हों लेकिन परंपराओं के बारे में आप किसी से बहस नहीं कर सकते हैं इसलिए लोगों को यही संदेश है कि