कब हटाते हैं सरस्वती के पास रखे किताब ?
5 फरवरी को बसंत पंचमी है और इसी दिन कला और संगीत की देवी मां सरस्वती का पूजन होता है। कहते हैं जब तक इंसान को मां सरस्वती का आशीष नहीं मिलता है तब तक वो प्रगति के पथ पर आगे नहीं बढ़ सकता है। जानिए बसंत पंचमी से जुड़ी कुछ खास बातें.. बसंत पंचमी विशेष: या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता. मां सरस्वती की पूजा के दिन लोग अपने-अपने घरों में माता की प्रतिमा की पूजा करते हैं। कहीं-कहीं पूजा समितियों और स्कूलों में भी मां की पूजा की जाती है। मां सरस्वती की पूजा के वक्त लोग अक्सर पीले रंग का वस्त्र पहनते हैं और माता की स्तुति करते हैं।
क्यों होती है मां सरस्वती की पूजा माना जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने सरस्वती से खुश होकर उन्हें वरदान दिया था कि वसंत पचंमी के दिन तुम्हारी ही आराधना की जाएगी। इस कारण हिंदू धर्म में वसंत पंचमी के दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा होती है।
मां सरस्वती की पूजा स्वेत या पिले वस्त्र पहन करे, उनके सामने अपनी किताब या काम से जुड़े कुछ दस्तावेज रख सकते हैं। इन्हें दूसरे दिन या मूर्ति हटाने के बाद ही हटाए। कहते हैं इन किताबों पर मां सरस्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इन किताबों में माता के पूजा में उपयोग हुए बेल पात्र या फूल रख सकते है। सरस्वती को ज्यादा आडंबर पसंद नहीं। सच्चे मन से मांगी मुराद वह जरूर पूरा करती है।