लुटेरा किम जोंग उन, हथियारों की जखीरा खड़ा करने के लिए अपने हैकर्स की फौज से उड़ाए अरबों डॉलर
कोलकाता टाइम्स :
संयुक्त राष्ट्र के एक्सपर्ट्स ने साइबर विशेषज्ञों के हवाले से एक रिपोर्ट में कहा कि उत्तर कोरिया लगातार वित्तीय संस्थानों और क्रिप्टोकरेंसी फर्मों और एक्सचेंजों से करोड़ों डॉलर की चोरी कर रहा है. यूएन के एक्सपर्ट्स कहा कहना है कि ये अवैध धन उसके परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों के लिए धन का एक महत्वपूर्ण स्रोत है. विशेषज्ञों के पैनल ने कहा कि उत्तर कोरियाई हैकर्स ने 2020 और 2021 के बीच उत्तरी अमेरिका, यूरोप और एशिया में कम से कम तीन क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों से $50 मिलियन से अधिक की चोरी की, जो संभवतः साइबर अपराध संचालन के विविधीकरण को दर्शाता है.
इतना ही नहीं, विशेषज्ञों ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि एक अज्ञात साइबर सुरक्षा फर्म ने बताया कि 2021 में उत्तर के ‘हैकर्स ने क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों और निवेश फर्मों में घुसपैठ कर कुल $400 मिलियन की क्रिप्टोकरेंसी चुरा ली थी. विशेषज्ञों ने कहा कि उत्तर कोरिया ने अपने परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों को विकसित करना जारी रखा है. समिति ने बताया कि इन साइबर हमलों में ‘फ़िशिंग, कोड दुरुपयोग, मैलवेयर और उन्नत ‘सोशल इंजीनियरिंग’ का उपयोग किया गया.
पैनल ने कहा कि इन साइबर हमलों ने फिशिंग लालच, कोड शोषण, मैलवेयर और उन्नत सोशल इंजीनियरिंग का उपयोग कर इस तरह की हरकतों को अंजाम दे रहे हैं. उत्तर कोरिया पर प्रतिबंधों की निगरानी करने वाले विशेषज्ञों के पैनल ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की रिपोर्ट में कहा कि हैकर्स क्रिप्टोकरेंसी फंड कैश आउट करने के लिए सावधानीपूर्वक मनी लॉन्ड्रिंग प्रक्रिया से गुजरते हैं. बता दें कि एक साल पहले, पैनल ने एक कहा था कि उत्तर कोरिया 2019 से नवंबर 2020 तक साइबर हमलों के जरिए $316.4 मिलियन की चोरी की थी. संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों की रिपोर्ट के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के बावजूद उत्तर कोरिया परमाणु हथियारों की रेस को आगे बढ़ाने की पूरी कोशिश कर रहा है. कई प्रतिबंधों के बाद भी वो अपने परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों के विकास के साथ आगे बढ़ रहा है.