कभी दिन कभी रात, ड्यूटी करने वाली महिलाओं में मधुमेह का खतरा
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कोलकाता टाइम्स :
दिन और रात की शिफ्ट ड्यूटी करने वाले लोगों खासकर महिलाओं में दूसरी श्रेणी का मधुमेह होने का ज्यादा खतरा होता है। ऐसा हम नहीं बल्कि हार्वर्ड विश्वविद्यालय के एक अध्ययन में कहा गया है। अध्ययन में कहा है कि शिफ्टों में ड्यूटी करने वाले लोगों के कुछ ही सालों में मधुमेह की चपेट में आने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इससे उनका भोजन पैटर्न बाधित होता है और वे उपयुक्त नींद भी नहीं ले पाते हैं जिससे उनका वजन बढ़ जाता है और वे मधुमेह को न्यौता दे बैठते हैं। अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि दूसरी श्रेणी के मधुमेह में हृदयरोग, हृदयाघात, वृक्क विफलता और अंधता समेत कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
डेली मेल के अनुसार इस अध्ययन के अगुवा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ फ्रांक हू ने कहा, जोखिम में वृद्धि बहुत ज्यादा नहीं है लेकिन यह उल्लेखनीय है और इसका गंभीर स्वास्थ्य परिणाम होता है खासकर यह देखने पर कि 20 फीसदी कर्मचारी दिन और रात की शिफ्ट में बारी बारी कार्यरत हैं।