November 23, 2024     Select Language
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ट्रम्प की सख्ती : संकट में अमेरिका आईटी सेक्टर के 70 % भारतीय कर्मचारी

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न्यूज डेस्क   
अमेरिका में रह रहे भारतियों के लिए वहां रहकर काम  करना काफी  मुश्किल होता जा रहा है। वजह है इस समय अमरीका सहित दुनिया के कई विकसित देशों में वीजा संबंधी नियमों सख्त किए जाना। खासतौर से अमरीका में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की ‘बाय अमरीकन, हायर अमरीकन’ नीति के तहत नई वीजा में सख्ती के चलते भारतीय प्रोफैशनल्स और भी चिंता में घिर गए हैं।

हाल ही में ट्रंप प्रशासन ने एच-4 वीजा धारकों के वर्क परमिट को खत्म करने की योजना को अंतिम रूप दिया है। अमरीकी नागरिक एवं आव्रजन सेवा विभाग द्वारा प्रकाशित विज्ञप्ति में बताया गया है, अब अमरीका में यदि पति के पास एच-1बी वीजा है तो भी पत्नी को कार्य करने की अनुमति नहीं होगी। इसी तरह पत्नी के पास एच-1बी वीजा होने पर पति को वर्क  परमिट नहीं मिलेगा।

ऐसे में नए नियम तहत जारी एच-1बी वीजा की अवधि 3 साल से भी कम हो सकती है। साथ ही ये नियम भारतीय कुशल पेशेवरों के लिए बेहद परेशानीजनक हैं। अमरीकी थिंक टैंक द नैशनल फाऊंडेशन फॉर अमरीकन पॉलिसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि अमरीका में वीजा नियमों में सख्ती के कारण वर्ष 2017 में भारतीय कम्पनियों के लिए वीज़ा  वर्ष 2015 की तुलना में 43 प्रतिशत कम है।

अमरीकी आई.टी. कम्पनियों में काम करने वाले विदेशियों में से करीब 70 प्रतिशत कर्मचारी भारतीय हैं जिनकी अमरीका के वीजा संबंधी नियमों में बदलाव से मुश्किलें बढ़ जातीं और उन्हें अमरीका छोडऩा पड़ सकता था। इसके अलावा भारत के लिए सालाना 115 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा कमाने वाले आई.टी. सैक्टर पर गज़ गिर सकती है।

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