November 27, 2024     Select Language
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नहीं भी सुना तो चेक करिये, आप नोमोफोबिया के शिकार तो नहीं  

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कोलकाता टाइम्स :
प सोच रहे होगों कि आखिर यह नोमोफोबिया कौन सा नया फोबिया है जिसके बारे में आज से पहले कभी नहीं सुना। मोबाइल खोने या पास ना होने पर जो चिंता होती है वह नोमोफोबिया कहलाती है। पिछले कुछ सालों में यह फोबिया आम हो चुका है। इससे पता चलता है कि हम टेक्‍नॉलिजी पर कितना डिपेंड हो चुके हैं, जिसमें से मोबाइल सबसे आम गैजेट है। अभी हलाही में हुए एक सर्वे के मुताबित बताया गया है कि लगभग 66 प्रतिशत मोबाइल धारकों को नोमोफोबिया है।
यदि आपको भी लगता है कि आप नोमोफोबिया से पीड़ित हैं तो नज़र डालिये इन 7 लक्षणों पर –
1. मोबाइल खोने का सपना आना- क्‍या आपको रात में मोबाइल खोने का सपना आता है और आप उसे पकडने के चक्‍कर में घबरा कर उठ जाते हैं? जो कुछ भी हमारे मन में 24 घंटो चल रहा होता है हम केवल उसी के बारे में सपना सोचते हैं।
2. मोबाइल के साथ सोना- इसमें इंसान को अपने मोबाइल के बिना नींद नहीं आती। वह मोबाइल को या तो अपने बगल में रखते हैं या फिर अपनी तकिया के अंदर।
3. मोबाइन ना मिलने पर पसीने छूटना- मान लीजिये कि आपने मोबाइल को गलती से कहीं रख दिया और अब उसे ढूंढ नहीं पा रहे हैं तो जाहिर सी बात है कि आप परेशान हो जाएंगे। थोडी़ बहुत चिंता करने से कुछ नहीं होता लेकिन अगर वही मोबाइल खो जाने पर आपके पसीने छूटने लगें और आप खुद को असहाय महसूस करने लगे तो समझ लीजिये कि मामला गंभीर है।
4. बाथरूम में मोबाइल साथ ले जाना- कई लोगों को लगता है कि उनके बाथरूम या लू जाने पर कोई जरुरी कॉल आ जाएगी इसलिये वे मोबाइल को बाथरूम में ले कर जाते हैं।
5. दो मोबाइल फोन रखना- कई लोगों को लगता है कि यदि उनका पहला मोबाइल खो जाए तो दूसरा वाला तुरंत काम आएगा। पर 2-2 मोबाइल फोन रखने कि इतनी चिंता करना मतलब कहीं कुछ गड़बड़ है।
6. लो बैटरी लो मूड- अगर फोन की बैटरी बिल्‍कुल ला शो हो रही हो तो ऐसे लोगों को क्रोध आने लगता है। कई लोग तो डिप्रेशन में भी चले जाते हैं।
7. फ्लाइट मोड- यदि आप प्‍लेन से नीचे उतरते ही तुरंत अपने फोन को फ्लाइट मोड से हटा कर नार्मल मोड पर कर लेते हैं तो इसका यह मतलब है कि आप दुनिया से कटे रहना पसंद नहीं करते।

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