यकीन करेंगे कंस देवकी का सगा भाई नहीं था…
मनमोहक
कहा जाता है कि रानी पद्मावती अत्यंत सुंदर, चंचल और मनमोहक थीं। एक बार वे अपने मायके गई हुई थीं। मायके में वह अपनी सखियों के साथ उद्यान में खेल रही थीं, तभी एक गंधर्व की दृष्टि उन पर पड़ी। पुराणों में इस गंधर्व का नाम द्रमिला या गोदिला बताया गया है। रानी पद्मावती को देखते ही गंधर्व उन पर आसक्त हो कर उन्हें पाने के लिए संकल्पित हो गया। पौराणिक कथाओं में गंधर्वों को कुछ अनुपम शक्तियों से युक्त बताया गया है। अपने मायावी प्रभाव से गंधर्व ने रानी पद्मावती को सम्मोहित कर लिया। इस तरह संसार से गोपनीय रहते हुए द्रमिला और रानी पद्मावती का संबंध स्थापित हुआ और इसी के फलस्वरूप रानी पद्मावती गर्भवती हुईं।
अपने पति राजा उग्रसेन के साथ
सम्मोहन की अवस्था में होने से उन्हें स्वयं भी कुछ याद नहीं रहा और वे मथुरा जाकर अपने पति राजा उग्रसेन के साथ सामान्य जीवन व्यतीत करने लगीं।
पुत्र कंस का जन्म
समय आने पर उनके पुत्र कंस का जन्म हुआ, जो संसार की दृष्टि में तो राजा उग्रसेन का पुत्र था, पर असल में उसका पिता द्रमिला था। द्रमिला हर तरह से एक दुष्ट, पापी और निकृष्ठ गंधर्व था। अपने पिता के दुर्गुणों के अनुकूल ही अति धार्मिक वातावरण में रहने के बावजूद कंस हर तरह की दुष्ट वृत्तियों का स्वामी बना।
स्वयं को राजा घोषित कर दिया
उसने अपने पिता से राजगद्दी छीन स्वयं को राजा घोषित कर दिया। अपने अभिभावकों को कारावास में डाल दिया और हर तरफ आतंक और अत्याचार का वातावरण बना दिया। सब दुर्गुणों के बावजूद कंस अपनी छोटी बहन देवकी से अपार स्नेह रखता था। यदि देवकी केे विवाह के समय आकाशवाणी ना हुई होती, तो वह कभी अपनी बहन पर मर्मांतक अत्याचार नहीं कर सकता था।