November 24, 2024     Select Language
Editor Choice Hindi KT Popular स्वास्थ्य

ऐसे 3 मालिश जो आपको बना दें जवां

[kodex_post_like_buttons]

कोलकाता टाइम्स :

युर्वेद एक प्राचीन विज्ञान है जो कई बीमारियों के उपचार के लिए हर्बल सामग्री का उपयोग करता है। आयुर्वेदिक मसाज के अपने ही कितने स्‍वास्‍थ्‍य वर्धक और सौंदर्य लाभ हैं। इन दिनों आयुर्वेदिक उपचार काफी लोगों दृारा पसंद किया जा रहा है। आज हम तीन सबसे ज्‍यादा लोकप्रिय आयुर्वेदिक मालिश पर चर्चा करने जा रहे हैं, जो हैं- नवराकिजीही, स्‍नेहधारा और स्‍नाना। नीचे दिये हुए वीडियों में आप ये तीन आयुर्वेदिक मसाज देखेगें। नवराकिजीही मसाज में, चावल को आयुर्वेदिक बूटियों और तेल के साथ भिगो कर भाप दृारा पकाया जाता है और बाद में इसे मलमल के कपड़े में डाल कर शरीर के तंत्रिका तंत्र पर रगड़ा जाता है। ऐसा करने से दर्द ठीक होता है।

अपनी कमर और रीढ़ को मजबूत रखने के ल‍िए सुहाना खान करती है कागासन, जानें इसके फायदे 

नवराकिजीही मालिश करवाने से आमवाती गठिया, मांसपेशी का दर्द या हड्डी के किसी भी प्रकार में दर्द के लिये लाभदायक होती है। इसी तरह से स्‍नेहधारा, मालिश और स्‍नान होता है। इसको करने के लिये शरीर पर गरम किया हुआ हर्बल तेल पूरे शरीर पर लगा कर मालिश की जाती है। इस मालिश से शरीर में दर्द, पाचन समस्याओं और तनाव से संबंधित स्वास्थ्य मुद्दों का खात्‍मा किया जाता है। यह न स्‍वास्‍थ्‍य वर्धक ही है बल्कि इससे आप सौंदर्य लाभ भी उठा सकते हैं। यह शरीर के रोमछिद्रो को खोल कर शरीर की गंदगी को बाहर निकालता है।

स्‍नाना भी एक आयुर्वेदिक मालिश है जो कि पूर्वकर्मा विधि का अंग है। औषधीय तिल के तेल को आपकी बीमारी की प्रकृति के आधार पर इस्तेमाल करते हैं। स्‍नाना चिकित्‍सा के लिये दो लोगों की जरुरत पड़ती है, जो मिलकर तंत्रिका समाप्त बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित कर के रक्त परिसंचरण को सही करते हैं। स्‍नाना चिकित्‍सा से शरीर और त्‍वचा के अंदर की हानिकारक गंदगी साफ होती है।

स्‍नाना कड़ी हो चुकी मसापेशियों को नरम बनाने के लिये और जोड़ों के दर्द के लिये उपयुक्‍त है। साथ ही यह चमकदार और सुंदर त्‍वचा पाने में भी मददगार होता है।

Related Posts