बाँझ है सकता है आपका मोटापा
कोलकाता टाइम्स :
महिलाओं पर पुरुषों के मुकाबले मोटापे का ज्यादा असर पड़ता है। पुरुषों पर मोटापे का असर केवल शारीरिक ही होता है लेकिन महिलाओं को शारीरिक और मानसिक दोनों ही रूपों से झेलना पड़ता है। ओवरवेट महिलाओं को दिल की बीमारी होने की संभावना होती है। पर यह तो कुछ भी नहीं इससे भी बड़ी समस्याएं मोटापे से हो सकती हैं।
छोटी उम्र से ही मोटी लड़कियों में अनियमित महावारी की समस्या शुरु हो जाती है। उम्र बढते बढते उनमें इनफर्टिलिटी की परेशानी हो जाती है। कम उम्र में महिलाओं के बीच पॉलीसिस्टिक ओवरी और हार्मोनल असंतुलन के परिणाम दिखाई पड़ने लगते हैं जिससे उम्र बढने के बाद उन्हें बाझपन की समस्या होती है। मोटापे का असर महिलाओ की दिमाग पर भी पड़ता है मसलन उन्हें हमेशा स्ट्रेस रहता है और वे हमेशा अवसाद में चली जाती हैं। साथ ही पैरों की एडियों का फटना, जोड़ों में दर्द रहना और त्वचा पर स्ट्रेच मार्क्स हो जाना आम बात है।
यहां पर कुछ लक्षण दिये जा रहे हैं जिन्हें पढ़ कर आप पता लगा सकती हैं कि अत्यधिक मोटे होने पर शरीर और दिमाग पर क्या असर पड़ता है।
अनियमित महावारी : अनियमित महावारी गर्भाशय के आसपास बहुत अधिक वसा जम जाने का एक परिणाम हो सकता है। यह ज्यादा जंक फूड खाने वाले किशोरों के बीच में बहुत आम है।
हार्ट अटैक की समस्या : यह बिल्कुल गलत धारणा है कि महिलाओ को पुरुषों कि तुलना में हार्ट अटैक का बहुत कम खतरा होता है। अगर आप मोटी हैं तो आपको इसका खतरा हमेशा बना रहेगा।
मासपेशियों मे कमजोरी : कम व्यायाम करने के चक्कर में मोटे लोगों की मासपेशियों में खिंचाव आ जाता है और वे कमजोर हो जाती हैं। क्या फलों और सब्जियों को धोने से वे कम पौष्टिक हो जाते हैं?
हाई बीपी : जब कोलेस्ट्रॉल खून की नली में जम जाता है तो हाई बीपी की समस्या आने लगती है।
गठिया : जब जोड़ शरीर का भारी वजन नहीं उठा पाते तब गांठ में सूजन आ जाती है और गठिया रोग का लक्षण शुरु हो जाता है। फटी एंड़ियां जब शरीर का वजन बढ़ जाता है तब इसका प्रेशर नीचे एडि़यों पर आ जाता है, जिससे पांव में दर्द भी बढता है।
गॉलस्टोन : अनुचित वसा चयापचय के कारण पत्थर पित्ताशय में बनते हैं। मोटापे से ग्रस्त महिलाओं को पित्ताशय की पथरी होने का खतरा ज्यादा रहता है।
पीओसी पॉली सिस्टिक ओवरी : तभी होती है जब आप अनहेल्दी खाती हैं। इस समस्या में पीरियड्स ठीक से नहीं होते और कुछ केसों में इनफर्टिलिटी हो जाती है।
बाझपन : मोटी औरतों में हार्मोनल समान्य रूप से काम नहीं करते इसलिये बाझपन के लक्षण साफ दिखाई देते हैं।
स्ट्रेच मार्क : मोटापे की वजह से शरीर फैलने लगता है और त्वचा फटने लगती है, जिससे स्ट्रेच मार्क्स साफ दिखाई पड़ने लगते हैं।
डिप्रेशन : हार्मोनल इंबैलेंस की वजह से मोटी औरतों में डिप्रेशन बहुत आम हो जाता है।