आमिर की वजह से चली गई थी इस फिल्म में रानी मुख़र्जी ने खोया अपनी ‘आवाज़’
रानी मुख़र्जी फिल्म हिचकी एक टोरेक सिंड्राम से ग्रसित इंसान का किरदार निभाया । रानी कहती हैं कि निजी जिंदगी में भी यह सच्चाई है कि उन्होंने कई चीजों से ओवरकम किया है।
रानी मुख़र्जी ने जागरण डॉट कॉम से बात करते हुए खुद से जुड़ी एक दिलचस्प बात शेयर की है। रानी बताती हैं कि जब वह इंडस्ट्री में नयी-नयी आयी थीं, तो इंडस्ट्री के लोगों को लगता था कि जिस तरह रानी की (हस्की ) आवाज़ है, वह हिंदी सिनेमा की अभिनेत्रियों के लिए फिट नहीं बैठती है। रानी कहती हैं कि उन्हें काफी बुरा लगा था, लेकिन यह सच है कि विक्रम भट्ट की फिल्म गुलाम में उनकी आवाज को किसी और ने डब किया गया था। फिर उनकी पहली फिल्म राजा की आएगी बारात में भी उनकी आवाज को डब किया गया था। रानी कहती हैं कि पहले तो मैं हकलाती थीं तो वह एक तरह की परेशानी हुई थी, लेकिन मैंने खुद इस पर ओवरकम किया। बाद में फिर मेरी आवाज़ से लोगों को परेशानी होने लगी थी। वह मेरे लिए सबसे बड़ा चैलेंज था। सभी जानते हैं कि मेरी आवाज की डबिंग हुई थी गुलाम में। सभी को लगता था कि उस वक़्त एक्ट्रेस की जैसी आवाज पतली होती है, वैसी मेरी नहीं है।
रानी कहती हैं कि इस बात का पूरा श्रेय करण जौहर को जाता है कि उन्होंने मुझसे पूछा कि गुलाम में तुम्हारी आवाज को डब क्यों किया गया। उस वक़्त मैं गुलाम और कुछ कुछ होता है की शूटिंग साथ में कर रही थी, मैंने करण से कहा कि आमिर, विक्रम और मुकेश भट्ट का निर्णय है कि वह मेरी आवाज़ डब करना चाहते हैं। उनको लगता है कि मेरे कैरेक्टर के अनुसार मेरी आवाज़ फिट नहीं बैठती है। तब करण ने मुझसे कहा कि मैं तुम्हारी आवाज़ के साथ ही जाऊंगा। रानी कहती हैं कि करण ने मेरी आवाज़ को लेकर एक विश्वास जगाया। फिर कुछ कुछ होता है में रानी ने अपनी आवाज़ में ही डबिंग की और इसके बाद उनको वह कॉन्फिडेंस आ गया। चूंकि करण को लगा कि मेरी आवाज़ ही आत्मा है और यह कैरेक्टर के साथ जानी ही चाहिए। इसके बाद आमिर ने मुझे कुछ कुछ होता है देखने के बाद कॉल करके बोला कि रानी मुझे माफ़ करना कि मुझे ये लगा था कि गुलाम के लिए तुम्हारी आवाज़ ठीक नहीं है लेकिन कुछ कुछ होता है देखने के बाद मैं अपने वर्ड्स वापस लेता हूं और मैं खुश हूं कि करण ने तुम पर वह विश्वास दिखाया।