भारत में यहां कोरोना से दुगनी रफ़्तार में फ़ैल सकती है मंकी पॉक्स, सरकार ने जारी की खतरे का संकेत
बताया गया है कि मंकी पॉक्स एक वायरल जूनोटिक बीमारी है, जो पश्चिम-मध्य अफ्रीका के वन क्षेत्रों में होती है, जिसके लक्ष्ण आमतौर पर दो से चार सप्ताह में समाप्त हो जाते है, गंभीर मामलों में इसकी मृत्यु दर एक से दस प्रतिशत तक है, यह वायरस जानवरों से इंसानों में व एक से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है, यह वायरस कटी त्वचा, आंख, नामक व मुंह के जरिए शरीर में प्रविष्ठ होता है. संक्रमित पशु से आदमी में वायरस का प्रसार काटने, खरोचने, घाव से सीधे व अप्रत्यक्ष संपर्क जैसे गंदे कपड़े, चादर व बिस्तर से भी हो सकता है. यदि लक्ष्णों की बात की जाए तो मंकी पॉक्स के संक्रमित मरीज को रैशेज, बुखार, सूजन पाई , खरोंच व पानीदार दाने आते है, ऐसे में तत्काल डाक्टर से संपर्क किया जाए. जाती है. अभी तक मंकी पॉक्स 21 देशों में फैल चुका है, जिसमें 330 मामलों की पुष्टि भी हो चुकी है, लगातार खतरा बढ़ रहा है, हालांकि अभी तक एमपी या फिर देश में मंकी पॉक्स का कोई मरीज नहीं मिला है, फिर भी सतर्कता जरुरी है.