मसूड़ों से खून आने से हैं परेशान, ह हैं अचूक घरेलू उपचार
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कोलकाता टाइम्स :
मसूड़ों में खून रोकने के लिये घरेलू उपचारों में खट्टे फल, दूध, कच्ची सब्जियों, बेकिंग सोडा, लौंग, लौंग का तेल, ऋषि, पुदीना तेल, कैलेंडुला पत्ती चाय, कैमोमाइल चाय, नमकीन, मसूड़ों में मालिश, धूम्रपान छोड़ना और वसायुक्त भोजन आदि शामिल हैं। मसूड़ों में खून एक ऐसी चिकित्सीय स्थिति है, जिसमें मसूड़ों में सूजन दिखाई देती है और ब्रश करने और किसी कड़े भोजन के खाने के दौरान अक्सर खून आ जाता है। ऐसा आमतौर पर मुंह की खराब स्वच्छता के कारण होता है, लेकिन यह भी गर्भावस्था की तरह अन्य स्वास्थ्य की स्थिति जैसे विटामिन की कमी, स्कर्वी, ल्यूकेमिया या संक्रमण के किसी भी प्रकार का संकेतक होता है। मसूड़ों से खून बहता हो तो उसे आसानी से उपलबध, आसानी से उपलबध घरेलू उपचारों से एक सप्ताह के भीतर रोका जा सकता है। मसूड़ों से खून बहना साधारण लगता है, वास्तव में इसका मतलब मसूड़ों से नियमित रूप से खून बहना है। यह आमतौर पर प्लेटलेट विकार या ल्यूकेमिया जैसे कुछ गंभीर बीमारियों का सीमांकन है। ठीक से देखभाल नहीं की तो, यह गिंगीवाइटिस यानी मसूड़ाशोथ या मसूड़ों में सूजन का रूप ले सकता है। यह उलटनीय है और सरल और आसान घरेलू उपचार और अच्छी तरह से स्वच्छता बनाये रखने से इसका उपचार किया जा सकता है।
मसूड़ों में खून को निम्न लक्षणों द्वारा पहचाना जा सकता है- ब्रश करने के समय या थूकते वक्त लार में रक्तस्राव नजर आ सकता है। एक फाइबर युक्त या मोटे खाद्य सामग्री खाने से भी खून बहे तो उससे भी मसूड़ों में खून की समस्या माना जायेगा।
सांस में बदबू मसूड़ों में खून को रोकने के लिये कई उपचार हैं, जिनका अभ्यास करके आप इलाज कर सकते हैं। खट्टे फल मसूड़ों में खून बहने के बड़े कारणों में से एक है विटामिन सी की कमी।
खट्टे फल जैसे नारंगी, नींबू, आदि और सब्जियां विशेष कर ब्रॉकली और बंद गोभी आपको पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी देकर मसूड़ों में रक्तस्राव रोक सकते हैं।
डेंटल चैक : इन मॉर्डन तरीको से दांतों को सड़ने से बचाएं दूध दूध में भी कैल्शियम का एक समृद्ध स्रोत है, जिसकी नियमित रूप से जरूरत होती है आपके मसूड़ों को भरने के लिये। इसलिये मसूड़ों में खून रोकने के लिये नियमित आधार पर दूध लिया जाना चाहिए।
सब्जियां कच्ची सब्जियों को चबाने दांत साफ होते हैं और मसूड़ों में रक्त परिसंचरण को प्रेरित करता है इसलिए प्रतिदिन कच्ची सब्जियां खाने की आदत डाल लेनी चाहिए। मेटल ब्रेसेस पहनने के बाद रखें खास ख्याल, वरना टूट सकती है वायर हो सकता है नुकसान क्रैनबेरी और गेहूँ की घास का रस क्रैनबेरी या गेहूँ की घास का रस उन लोगों को राहत दे सकता है, जिनके मसूड़ों से खून बहता है।
कैनबेरी के जूस में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो मसूड़ों से बेक्टीरिया को दूर कर देता है।
बेकिंग सोडा : बेकिंग सोडा माइक्रोइंवायरनमेंट तैयार करके मुंह में ही बेक्टीरिया को मार देता है और इसे आप मसूड़ों पर उंगली से लगा सकते हैं। लौंग लौंग को या तो आप मुंह में रख सकते हैा या धीरे-धीरे चबा सकते हैं या लौंग के तेल से मसूड़ों पर मालिश कर सकते हैं। यह एक प्राचीन पद्धति है और बेहद आसान घरेलू नुस्खा है, जो सभी प्रकार की दांतों की समस्याओं से निजात दिलाता है।
कपूर, पिपरमिंट का तेल कपूर और पिपरमिंट के तेल का इस्तेमाल आप अपने मुंह की ताज़गी और स्वच्छता बनाये रखने के लिये कर सकते हैं।
कैलेंडूला की पत्ती और कैमोमाइल चाय ऐसी चाय जिसमें कैलेंडुला और कैमोमाइल की पत्ती डाल कर पकायी जाये, मसूड़ों में खून आना रोकती है।
नमक का पानी ब्रश करने के बाद हलके गर्म पानी में नमक डालकर कुल्ला करने से आराम मिलता है। मसूड़ों में खून रोकने का यह बहुत अच्छा घरेलू नुस्खा है। मालिश ब्रश करने के बाद मसूड़ों पर उंगली से धीरे-धीरे मालिश करने से उसमें रक्स संचार अच्छा होता है। इससे मसूड़े मजबूत होते हैं और रक्त आना बंद हो जाता है।
वसायुक्त भोजन बंद करें वसायुक्त, तीखा और ज्यादा आहार लेने से दांतों के बीच स्थान पर खाना फंस जाता है जो सड़ने लगता है और आगे चलकर यह मसूड़ों में खून की वजह बन जाता है या फिर गिंगिवाइटिस हो जाता है। जितना हो सके उतना ऐेस वसा युक्त भोजन से बचें।
धूम्रपान न करें धूम्रपान करने से मुंह में अवायवीय वातावरण बन जाता है , जो बेक्टीरिया के पैदा होने के लिये अच्छा होता है। इसलिये अपने मुंह को बेक्टीरिया मुक्त रखने के लिये आपको धूम्रपान नहीं करना चाहिये।