November 23, 2024     Select Language
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इन चीजों की धुएं धुएं में उड़ जाती है सभी समस्याएं

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कोलकाता टाइम्स : 
हिंदू पूजा पद्धति में पुष्प, इत्र, अगरबत्ती और धूप आदि सुगंधित द्रव्यों का बड़ा महत्व है। पूजा में इन चीजों का प्रयोग करने से न केवल आध्यात्मिक माहौल बनता है, बल्कि जिस स्थान पर पूजा हो रही होती है वहां सकारात्मक ऊर्जा भी भर जाती है। इन्हीं वस्तुओं में एक सबसे महत्वपूर्ण चीज है धूनी यानी धूप। सुगंधित धूप देने से मन को शांति और प्रसन्न्ता प्राप्त होती है। साथ ही इससे मानसिक तनाव भी दूर होता है। यह धूप भी कई तरह की होती है। यह धूप गाय के कंडे को जलाकर उसमें डाली जाती है। आइये जानते हैं किसी वस्तु की धूप देने से क्या लाभ होता है। गुग्गुल की धूप : हमारी पूजा पद्धति में सदियों से गुग्गुल का प्रयोग होता रहा है। यदि आपके घर में लड़ाई-झगड़े होते रहते हैं तो सप्ताह में कम से कम एक बार गुग्गुल की धमनी देने से गृहकलह शांत होता है। इसके साथ ही इससे मस्तिष्क संबंधी रोग भी दूर होते हैं।
लोबान की धूप : यदि आप लगातार किसी न किसी मानसिक परेशानी से जूझ रहे हैं या आर्थिक संकट बना हुआ है तो लोबान को कंडे या अंगारे में रखकर शनिवार-रविवार के दिन जलाएं। लेकिन ध्यान रहे लोबान जलाने से परालौकिक शक्तियां आकर्षित होती हैं। इसलिए पहले किसी विशेषज्ञ से इस बारे में सलाह ले लें।
कर्पूर और लौंग : हिंदू पूजा का प्रमुख हिस्सा है कर्पूर। कर्पूर के बिना आरती पूर्ण नहीं होती। हर दिन सुबह और शाम को घर में कर्पूर और लौंग जलाने से समस्त प्रकार के वास्तुदोष दूर हो जाते हैं। इसकी आरती परिवार के सभी सदस्यों को लेना चाहिए। इस प्रयोग से आर्थिक संकट भी दूर हो जाता है।
गायत्री केसर पीली सरसो : पीली सरसो, गुग्गुल, लोबान और गाय के घी को मिलाकर सूर्यास्त के समय उपले (कंडे) जलाकर उस पर ये सारी सामग्री डाल दें। इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होगी।
गायत्री केसर : यदि परिवार में लगातार कोई न कोई सदस्य बीमार रहता हो। बीमारियों पर खर्च अधिक हो रहा हो तो जावित्री और गायत्री केसर को बारीक पीसकर उसमें गुग्गुल मिला लें। इस मिश्रण की धूनी रोज शाम के समय दें। ऐसा लगातार 21 दिनों तक करें। यदि आपके परिवार पर किसी ने कोई तंत्र प्रयोग कर रखा है तो इससे वह भी दूर हो जाएगा।
नीम के पत्ते : घर में सप्ताह में एक या दो बार नीम के पत्ते की धूनी जरूर जलाएं। इससे जहां एक और सभी तरह के जीवाणु नष्ट हो जाएंगे, वही वास्तुदोष भी समाप्त हो जाएगा।

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