20 गेंदों में 67 रन बनाने वाला नेशनल क्रिकेटर ई-रिक्शा चलाने को हुआ मजबूर
अफसोस की बात है कि कोविड -19 महामारी ने राजा के क्रिकेट करियर को बर्बाद कर दिया. एक चैरिटबल संस्थान दिव्यांग क्रिकेट संघ (डीसीए) जिसने राज्य में विकलांग क्रिकेटरों का समर्थन किया, पैसे की कमी के कारण राजा जैसे लोगों का समर्थन नहीं कर सका. राजा ने कहा, ‘इसने सचमुच हमारी कमर तोड़ दी. पहले कुछ महीनों के लिए, मैंने गाजियाबाद की सड़कों पर दूध बेचा और एक ई-रिक्शा चलाया. मेरी टीम के बाकी साथी उस दौरान मेरठ के ‘दिव्यांग ढाबे’ में डिलीवरी एजेंट और वेटर के रूप में काम करते थे. यह ढाबा एसोसिएशन (डीसीए) के संस्थापक और कोच अमित शर्मा द्वारा खोला गया था.’
31 वर्षीय राजा अब अपना ई-रिक्शा दिन में 10-12 घंटे चला रहे हैं और वह मुश्किल से 200-300 रुपये प्रतिदिन कमाते हैं. वह इन पैसों से पत्नी और बच्चों को सपोर्ट करते हैं.