November 27, 2024     Select Language
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शीघ्र सफलता दिला सकता है बरगद के अचूक उपाय

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कोलकाता टाइम्स :
भारत में प्रत्येक ऋतु आने से पूर्व उसकी आराधना, स्तुति एंव सत्कार किया जाता है। यही हमारे संस्कारों की संस्कृति है। वर्षा ऋतु प्रारम्भ होने से पूर्व वट्सावित्री पूजन एंव व्रत का विधान है। इसमें वट्वृक्ष यानि बरगद पेड़ की पूजा की जाती है। विज्ञान द्वारा मान्यता प्राप्त है कि बरगद् और पीपल के पेड़ से 24 घन्टे आक्सीजन निकलती है। यदि वृक्षों को पूजा जायेगा तो शायद उन्हे समाप्त न किया जाये और वृक्षों के बचे रहने से हमें पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन मिलेगी एंव अधिक से अधिक वर्षा होगी जिसके परिणाम स्वरूप कृषि की पैदावर में वृद्धि होगी और कृषि प्रधान हमारा भारत देश समृद्धशाली बनेगा।
जिस दिन अश्लेषा नक्षत्र हों…. धन वृद्धि-यदि बरगद के वृक्ष के नीचे वट बीज से उत्पन्न छोटा सा पौधा मिल जाये तो उसे किसी शुभ मुहूर्त में लाकर नियमित पूजन करने से घर में सुख-समृद्धि व शान्ति बनी रहती है।
अन्न का संकट-जिस दिन अश्लेषा नक्षत्र हों, उस दिन बरगद का एक पत्ता तोड़कर घर में लाकर रखने से घर में कभी भी अन्न का संकट नहीं रहता है। पौरूष शक्ति की कमी हो तो….
पेशाब में जलन व नपसुंकता –जिन लोगों में किसी भी प्रकार की पौरूष शक्ति की कमी हो। वे लोग बरगद वृक्ष के दूध को निकालकर एक बताशे में भरकर प्रातःकाल खाली पेट सेंवन करने से पौरूष शक्ति में अपार वृद्धि होती है एवं पेशाब की जलन भी दूर हो जाती है।
दंत रोग-यदि प्रातःकाल बरगद के पेड़ की दातून की जाए या इसकी जड़ का चूर्ण बनाकर मंजन करने से किसी भी प्रकार का दाॅत रोग ठीक हो जाता है।
शीघ्र सफलता के लिए : अगर व्यवसाय में निरंतर हानि हो रही है तो उससे बचने के लिए बरगद की जड़ को लाकर एक रेशमी धागे में लाल चंदन में रखकर दूकान या आॅफिस के मुख्यद्वार पर टाॅग देने से व्यापार में वृद्धि होने लगती है।

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