शर्त लगाइये प्लास्टिक के पैकेट काटने का सही तरीका आपको नहीं पता
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कोलकाता टाइम्स :
शहरों में एक बड़ी आबादी के घरों में थैली वाले दूध ही आते हैं। हो सकता है कि आपके घर की गिनती भी इन्हीं घरों में होती हो, लेकिन हम में से कई लोगों को इन थैलियों को काटने का सही तरीका नहीं पता हैं। अक्सर, लोग प्लास्टिक पैकेट से दूध निकालने के लिए उसे कोने से काटते हैं और एक टुकड़ा अलग कर देते हैं, जो कि गलत है। ये ही हमारी एक छोटी सी गलती, पर्यावरण को बहुत बड़ा नुकसान पहुंचा रही हैं। आइए जानते हैं प्लास्टिक की थैली को सही तरीके से काटने का तरीका और कैसे ये प्लास्टिक के टुकड़े पर्यावरण में घुलकर जहर का काम कर रहे हैं।
क्या है थैली काटने का सही तरीका? आज जानते हैं दूध के पैकेट को काटने का सही तरीका क्या है। दरअसल, एनवॉयरमेंट से जुड़े कुछ एक्टिविस्ट का मानना है कि प्लास्टिक के पैकेट से दूध या कोई अन्य चीज निकालते हुए उसमें हल्का सा कट लगाएं न कि उसके कोने से प्लास्टिक का कोई टुकड़ा न काटे। इसे किनारे से ऐसे काटे की दूध भी निकल जाए और प्लास्टिक का कोई टुकड़ा भी अलग न हो।
प्लास्टिक की थैली के टुकड़े को काटकर अलग नहीं करना चाहिए? माना जाता है कि हर रोज इस तरह के लाखों प्लास्टिक के कट लगे हुए टुकड़े डस्टबिन में चले जाते हैं। यह लाखों टुकड़ों का कचरा एक बड़े वेस्ट प्लास्टिक के रुप में जमा होता है। वैसे ही बढ़ता हुआ प्लास्टिक वेस्ट पहले से एक समस्या है, इसके ऊपर प्लास्टिक थैलियों के कटे हुए ये टुकड़े पर्यावरण को दूषित कर रहे हैं। क्योंकि ये वाला टुकड़े आसानी से रिसाइकिल नहीं किया जा सकता। इस पर हुए ढ़ेरो रिपोर्ट्स में ये बात सामने आई है कि प्लास्टिक के पूरे पैकेट को तो रिसाइकिल की प्रोसेस से गुजारा जा सकता है, लेकिन छोटे टुकड़ों के साथ ये संभव नहीं है। दूध के पैकेट लो-डेंसिटी पॉलीइथाइलीन (LDPE) से बने होते हैं, जो प्लास्टिक का एक प्रकार है। रिसाइकिल करने के लिए इस प्रकार के प्लास्टिक को उच्च तापमान पर और निश्चित आकार में कंप्रेस करना पड़ता है।
लेकिन, कोने काटने से पैदा हुआ कचरा रिसाइकिल यूनिट तक नहीं पहुंच पाता है और माइक्रोप्लास्टिक्स में तब्दील हो जाता है। ये कचरा समुद्र- मिट्टी में मिलकर मिट्टी की गुणवत्ता और जल को दूषित करते हैं। इसके अलावा कई बार ये जानवरों के पेट में चले जाते हैं जो उनके गले में फंस जाते है और इस वजह से वो बेजुबान मौत के शिकार बन जाते है। इसलिए पर्यावरण की सुरक्षा के लिए इसे काटने से बचें। अपने दिल को बीमारियों से रखना है दूर, तो आज ही बदल दें अपना नमक इस तरह से खोलें दूध का पैकेट इसी विषय को लेकर कुछ दिनों पहले IAS अवनीश शरण ने ट्विटर पर एक पोस्ट शेयर करके लिखा, ‘एक छोटी सी बात बहुत बड़ा बदलाव ला सकती है।’ उन्होंने अपने इस ट्वीट पर प्रैक्टिली भी बताया था कि कैसे दूध की थैली को काटना चाहिए।