सुप्रीम कोर्ट ने येदियुरप्पा को दिया शनिवार शाम 4 बजे तक का वक़्त, कहा बहुमत साबित करो लेकिन कांग्रेस-जेडीएस के विधायकों की सुरक्षा देने के बाद
वहीं, सुनवाई के दौरान जस्टिस एके सीकरी ने रोहतगी से कहा कि बीजेपी ने तो सिर्फ बहुमत की बात की है, जबकि कांगेस जेडीएस ने तो पूर्ण बहुमत की चिट्ठी दी थी। इसके साथ ही न्यायमूर्ति एके सीकरी की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच ने येदियुरप्पा सरकार को कल (शनिवार, 19 मई) ही विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराने का सुझाव दिया।
वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी ने भाजपा की दलील का विरोध करते हुए कहा कि ये महत्वपूर्ण है कि पहले सरकार बनाने का न्योता किसे दिया जाए। सिंघवी ने पूछा, ‘भाजपा के पास अगर बहुमत है, तो लिखित है या फिर जुबानी?’ सिंघवी ने जजों के सामने कहा कि कांग्रेस शक्ति परीक्षण के लिए तैयार है और उसकी वीडियो रिकॉर्डिंग कराई जाए। शीर्ष न्यायालय ने भाजपा को आदेश जारी करते हुए कहा कि वे कांग्रेस-जेडीएस के विधायकों की सुरक्षा का इंतजाम करें।
इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार (17 मई) तड़के बी.एस. येदियुरप्पा के कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर रोक नहीं लगाई थी। शीर्ष अदालत ने आधीरात को घंटों चली सुनवाई में कांग्रेस और जनता दल-सेक्युलर (जेडी-एस) की येदियुरप्पा की शपथ ग्रहण पर रोक लगाने की संयुक्त याचिका के मद्देनजर शपथ ग्रहण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
येदियुरप्पा ने तय योजना के अनुरूप गुरुवार (17 मई) सुबह नौ बजे शपथ ली थी। येदियुरप्पा ने पत्रों में सदन में बहुमत होने का दावा किया है। कांग्रेस और जेडी-एस ने राज्यपाल वजुभाई वाला द्वारा येदियुरप्पा को सरकार बनाने का न्योता दिए जाने को चुनौती दी है।