आलाकमान के रातों की नींद गायब है. क्योंकि डर है ‘ऑपरेशन लोटस’. कर्नाटक कांग्रेस भुग्तभोगी है. 2019 की गलती वो अब नहीं दोहराएगी. डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया ने अपनी-अपनी दावेदारी ठोंक दी है. लेकिन इसी बीच एक और कांग्रेस नेता ने सीएम पद के लिए अपना नाम आगे बढ़ाया है. यानी की अभी तक तो दो खिलाड़ी थे अब एक और खिलाड़ी आगे आ गया है. एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया था कि डीके शिवकुमार ने खरगे से कह दिया है कि या तो उन्हें सीएम बनाया जाए या फिर विधायक रहने दे.वो डिप्टी सीएम और मंत्री बनने के इच्छुक नहीं हैं. कांग्रेस की सीनियर लीडरशिप सिद्धारमैया और शिवकुमार में ही चुनाव कर रही है. लेकिन इसी खींचतान के बीच कई नेता अब इसका फायदा उठाना चाहते हैं. कई नेताओं ने डिप्पी सीएम पद के लिए भी पार्टी के सामने अपना नाम आगे कर दिया है.
कर्नाटक कांग्रेस के दलित नेता हैं जी परमेश्वर. कर्नाटक के डिप्टी सीएम भी रह चुके हैं. 2010 से 2018 तक वो कर्नाटक कांग्रेस चीफ भी रहे. वो भी अब सीएम पद की रेस में आ चुके हैं. 2013 में जब कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनी तो वो सीएम पद की रेस में सबसे आगे थे. लेकिन इसी बीच वो सिद्धारमैया से दौड़ में हार गए. उन्होंने कहा कि अगर मैं चुप ही इसका मतलब ये नहीं कि मैं दौड़ में नहीं हूं. अगर मैं चाहूं तो हंगामा कर सकता हूं. मेरे साथ 50 विधायक हैं. लेकिन पद के लिए लामबंदी की आवश्यकता नहीं होती.