October 1, 2024     Select Language
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इस तरीके से दांत हो जाते हैं सफ़ेद और चमकदार, लेकिन ….  

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कोलकाता टाइम्स :
दांतों को सही तरीके से ब्रश नहीं करने और देखरेख के अभाव में कई लोग है जो पीले और गंदे दांतों की समस्‍या से जूझ रहे है। ऐसे कई लोग है जो बदरंग दांतों से छुटकारा पाने के लिए दांतों को चमकदार बनाने के लिए ब्लीच करवाते है। लेकिन एक बात ध्‍यान र‍हे कि बार बार दांतों को ब्‍लीच करवाना ही समाधान नहीं है। बार बार ब्‍लीच करवाने से हालांकि दांत कुछ समय के लिए चमकदार तो दिखेंगे लेकिन धीरे-धीरे दांत सेंसेटिव और कमजोर होते जाएंगे। ब्लीचिंग के दौरान केमिकल युक्त पदार्थ का इस्तेमाल किया जाता है, जो दांत को नुकसान पहुंचता है। ऐसे में यह बेहद जरूरी होता है कि ब्लीच विशेषज्ञ से करवाएं, आइए जानते है कि दांतों की ब्‍लीच के समय किन बातों का ध्‍यान रखना चाहिए? दांत पीले क्यों पढ़ते हैं? हमारे दांतों पर ‘इनेमल’ लेयर होती है जो दांतों पर शाइन बनाए रखने का काम करती है। अपर्याप्त तरीके से ब्रश करने, गलत चीजें खाने, अधिक मीठी चीजें खाना या पीना, दांतों की सफाई ना रखने के कारण यह परत उतर जाती है और इसके नीच की पीली परत जिसे ‘डेंटिन’ कहते हैं वह दिखने लगती है। इसी कारण से दांत पीले दिखने लगते हैं।
ब्‍लीच कैसे काम करती है? ब्लीच का असर दांत की ऊपरी सतह पर ही दिखता है। ब्लीच की मदद से दांत पर दाग-धब्बे हटाए जा सकते है। चाय-कॉफी या किसी अन्य पदार्थ के खाने से हुए धब्बे, साफ करने में मददगार होता है ब्लीच लेकिन ब्लीचिंग द्वारा दांतों का वास्तविक रंग को नहीं बदला जा सकता है।
ब्लीचिंग तीन प्रकार की होती है सिंपल ब्लीच – 
दांतों को साफ करने के लिए पहली जो तकनीक अपनाई जाती हैं। उसे “सिंपल ब्लीचिंग” कहा जाता हैं। इस ब्लीचिंग से दांत केवल कुछ दिनों के लिए ही साफ रहते हैं।
पेस्ट मेटेरियल – दांतों को साफ रखने की दूसरी तकनीक पेस्ट मटेरियल तकनीक हैं।इसमें एक प्रकार का पेस्ट मेटेरियल तैयार कर लिया जाता हैं और उसे दांतों के ऊपर लगाकर कुछ हफ़्तों तक रखा जाता हैं। इससे दांत दो वर्षों तक ही सफेद रहते हैं।
पोर्सलिन लेमिनेशन – इस तकनीक को अपनाकर दांतों को साफ करने के लिए पहले दांतों को हल्का – हल्का घिसा जाता हैं। दांतों के साइज के अनुसार डेंटिस्ट लेब में दांतों के ऊपर चढ़ाने के लाइट पोर्सलिन लेमिनेशन को तैयार करते हैं और फिर इसे मरीज के दांतों पर लगा देते हैं। इस तकनीक से दांत कई सालों तक साफ और सफेद रहते हैं, हालांकि इस तकनीक से दांत सालों तक साफ एवं चमकदार रहते हैं लेकिन, इससे दांत कमजोर और सेंसेटिव बन जाते हैं। इन बातों का रखे ध्यान ब्लीचिंग के दौरान केमिकल का प्रयोग होता है, जिससे दांतों के धब्बे दूर हो जाते है। एक बार ब्लीचिंग से आपके दांत हमेशा के लिए चमकदार नहीं रह सकते है। दांतों पर बार-बार ब्लीच करना नुकसानदेह हो सकता।
 ब्लीचिंग में रसायनयुक्त पदार्थ का इस्तेमाल किया जाता है, रसायनों से दांत को नुकसान पहुंचता है। अधिक बार ब्लीचिंग करने से दांतों पर असमय धब्बे व हमेशा के लिए दांत बदरंग हो सकते हैं। ब्लीच करवाने से पहले उसकी विधि व उसके प्रभाव के विषय में जानें। ब्लीच सही विशेषज्ञ से करवाएं।
दांतों की चमक कैसे वापस लाई जाए
कैसे फिरसे उन्हें सफेद बनाया जाए आइए जानते हैं कुछ असरदार घरेलू उपाय: हाइड्रोजन पेरोक्साइड एक ग्लास गुनगुने पानी में एक ढक्कन हाइड्रोजन पेरोक्साइड मिलाएं और इस पानी को मुंह में भरकर 4 से 5 बार गरारे करें। हाइड्रोजन पेरोक्साइड में ब्लीचिंग गुण होते हैं जिसके इस्तेमाल से दांतों पर एक सफेद परत बन जाती है और दांत शाइन करने लगते हैं। लेकिन इसे अधिक इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। सप्ताह में या 10 दिन में एक बार।
नीम की दातुन : नीम की दातुन से भी दांतों को साफ करने से दांतों का पीलापन दूर होता है और दांत सुंदर, मजबूत व स्वस्थ रहते हैं। नीम दांतों और मसूढ़ों को सुंदर व मजबूत बनाता है।
सेब का सिरका : दांतों का पीलापन दूर करने के लिए सेब के सिरके से अच्छी तरह कुल्ला करें और ऊँगली से दांतों पर मसाज करें ऐसा कुछ दिनों के लिए दोहराएँ। सिरके में थोडा सा पानी जरुर मिला लें |
बेकिंग सोडा : बेकिंग सोडा के बारे में तो सब ही जानते हैं। कि यह दाँतों को साफ़ करने में कितना उपयोगी है। आप बेकिंग सोडा में थोड़ा सा नींबू का रास मिलाकर, इसे ब्रश करें इससे आपके दांत सफेद तो होंगे ही साथ ही दाँतों के ऊपर लगा हुआ प्लैक भी यह अच्छे से साफ़ कर देता है। लेकिन एक सावधानी भी है जरुरत से ज्यादा बेकिंग सोडा का प्रयोग ना करें, यह आपके दाँतों को नुक्सान पंहुचा सकता है।

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