पूजा में इस पत्ते का महत्व जान चौंक जायेंगे
शास्त्रों के अनुसार सात गुरुवार नियमित रूप से केले की पूजा करने से सब मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं औरकन्याओं को अच्छा वर प्राप्त होता है.
केले के पौधे और पत्तों का महत्व
कदली व्रत में इस पौधे की पूजा होती है तो कथा-पूजन में केले के पत्ते सजाए जाते हैं. श्री सत्यनारायण की कथा में भी केले के पत्तों का मंडप बनाया जाता है. दक्षिण भारत में केले के पत्ते पर भोजन परोसा जाता है.
पूजन में केले का भोग
बृहस्पतिवार के व्रत में भगवान विष्णु को केले के फल का भोग लगाया जाता है और इस दिन केले के पेड़ कि पूजा की जाती है. व्रत में केले की पूजा की जाती है इसलिए इस दिन केला नहीं खाया जाता है. पुरी में भगवान जगन्नाथ एवं भगवान श्रीकृष्ण को केले के फूल से बनी शाक का भोग लगाया जाता है.
चैतन्य महाप्रभु को भी यह भोग अत्यंत प्रिय था. केले की पवित्रता का अनुमान इस बात से भी लगाया जा सकता है कि पुराने समय में इसके तने से निकाले गए पानी से ही उपवास के लिए पापड़ आदि पदार्थ बनाए जाते थे.
ऐसे करें केले का पूजन
– सुबह मौन व्रत का पालन कर स्नान करें और केले के वृक्ष को प्रणाम कर जल चढ़ाएं.
– हल्दी की गांठ, चने की दाल और गुड़ केल को समर्पित करें.
– अक्षत, पुष्प आदि मंगल चीजें चढ़ाएं और केले के पेड़ की परिक्रमा करें.
– घर के आंगन के वृक्ष को छोड़ किसी दूसरे पेड़ की ही पूजा करना चाहिए.