जिस महिला की मौत ने जस्टिन ट्रुडो का मुँह कर दिया था बंद, एक बार फिर आया वही सवालों के घेरे में
कोलकाता टाइम्स :
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत सरकार पर खालिस्तानी आतंकी और हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया है. इन आरोपों के पक्ष में ट्रुडो ने कोई सबूत अब तक सामने नहीं रखे हैं. इस बलूसिस्तान की मानवाधिकार कार्यकर्ता करीमा बलोच की हत्या और इस पर कनाडा सरकार की प्रतिक्रिया का मुद्दा फिर उठने लगा है. बलोच ह्यूमन राइट्स काउंसिल ने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को एक बार फिर चिट्ठी लिखकर करीमा बलोच की मौत पर सवाल पूछे हैं. जानते हैं ये पूरा मामला क्या है?
मानवाधिकार अधिवक्ता के रूप में पहचाना जाने वाली बलोच और उन्होंने बलूच छात्र संगठन आज़ाद में अध्यक्ष का पद संभाला. पाकिस्तान में, वह बलूचिस्तान के सैन्यीकरण के साथ-साथ बलूच व्यक्तियों के जबरन गायब होने और न्यायेतर हत्याओं के व्यापक मुद्दे की मुखर आलोचक थीं.
मानवाधिकार के क्षेत्र में उनके प्रयासों ने उन्हें 2016 में बीबीसी की 100 सबसे प्रेरणादायक और प्रभावशाली महिलाओं की सूची में जगह दिलाई.
कनाडा के टोरंटो में निर्वासन में रह रही बलूच कार्यकर्ता करीमा बलूच 20 दिसंबर, 2020 को लापता हो गईं. बलूच को अगले दिन टोरंटो के डाउनटाउन तट पर लेक ओंटारियो के पास संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाया गया.
बलोच टोरंटो के सेंटर द्वीप पर अपनी पारंपरिक सैर के लिए रवाना हुईं, जैसा कि वह अक्सर करती थीं लेकिन वह हर बार की तरह इस बार वापस नहीं लौटी. के मुताबिक वापस नहीं लौटी. इसके बाद, टोरंटो पुलिस ने ट्विटर के माध्यम से जानकारी के लिए एक अपली जारी की, और उसके निर्जीव शरीर को बाद में द्वीप पर खोजा गया.
कार्यकर्ताओं और परिवार को बलोच की मौत में किसी साजिश का संदेह जताते रहे हैं. कनाडा स्थित असंतुष्ट पाकिस्तानी संगठनों ने करीमा बलोच की मौत को हत्या करार दिया और मामले में जांच की मांग की. बलूच नेशनल मूवमेंट, बलूचिस्तान नेशनल पार्टी-कनाडा, वर्ल्ड सिंधी कांग्रेस-कनाडा, पश्तून काउंसिल कनाडा और पीटीएम कमेटी कनाडा के बलोच की हत्या को लेकर एक सामूहिक बयान जारी किया जिसमें संदिग्ध परिस्थितियों में पाकिस्तानी सेना के शामिल होने की तरफ संकेत किया गया और पूरे मामले की जांच की मांग की गई.