November 23, 2024     Select Language
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महिला वैज्ञानिकों और पायलट्स को लेकर इसरो चीफ ने किया बड़ा ऐलान

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कोलकाता टाइम्स : 

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में एस्ट्रोनॉट्स को भेजने वाले मिशन गगनयान की पहली टेस्ट फ्लाइट सफलतापूर्वक लॉन्च कर दी है. यानी भविष्य में भारत के अंतरिक्ष यात्री भी अंतरिक्ष में जा सकेंगे. खास बात यह है कि इसरो इसमें महिलाओं को प्राथमिकता देगा. इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने रविवार को कहा कि बहुप्रतीक्षित मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम गगनयान मिशन के लिए महिला लड़ाकू परीक्षण पायलटों या महिला वैज्ञानिकों को प्राथमिकता देगा.

उन्होंने यह भी कहा कि इसरो अगले साल गगनयान में एक महिला ह्यूमनॉइड (एक रोबोट जो मानव जैसा दिखेगा) भेजेगा. इस महत्वाकांक्षी और बड़े मिशन का उद्देश्य मनुष्यों को तीन दिनों के लिए 400 किमी की निचली पृथ्वी कक्षा में भेजकर उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है.

सोमनाथ ने कहा- इसमें कोई संदेह नहीं है, लेकिन हमें भविष्य में ऐसे संभावित महिला उम्मीदवारों का पता लगाना होगा. मानवयुक्त मिशन 2025 तक आने की उम्मीद है. उन्होंने ये भी कहा कि यह एक छोटी अवधि का मिशन होगा. सोमनाथ ने कहा- अभी प्रारंभिक उम्मीदवार वायु सेना के लड़ाकू परीक्षण पायलटों में से होंगे. दरअसल, वे थोड़ी अलग श्रेणी के हैं. अभी हमारे पास महिला लड़ाकू परीक्षण पायलट नहीं हैं. इसलिए एक बार जब वे आ जाएंगी, तो यह एक रास्ता होगा.

उन्होंने कहा- दूसरा विकल्प यह है कि जब वैज्ञानिक गतिविधि ज्यादा होंगी, तब वैज्ञानिक अंतरिक्ष यात्री के रूप में आएंगे. इसलिए उस समय मेरा मानना है कि महिलाओं के लिए अधिक संभावनाएं हैं. वर्तमान में इसलिए संभावनाएं कम हैं क्योंकि कोई महिला लड़ाकू परीक्षण पायलट नहीं है. उन्होंने कहा, इसरो का लक्ष्य 2035 तक पूरी तरह से परिचालन वाला अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करना है.

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