November 23, 2024     Select Language
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इस गांव में पेड़ों पर घोंसला बनाकर रहते हैं लोग, कारण जानकर पैरों तले खिसक जाएगी जमीन

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कोलकाता टाइम्स :  
ज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताएंगे, जहां लोग जमीन नहीं, बल्कि पेड़ों पर अपनी जिंदगी बिता रहे हैं। कहानी है बिहार के सबौर प्रखंड के शनतनगर बगडेर बगीचा की। यहां ये बगीचा किसी चिड़िया या फिर पक्षी के लिए नहीं बल्कि इंसानों के घोंसले के लिए जाना जाता है।
ड़ों में रहने की वजह? बगीचे के पेड़ों में रहने का लोगों का कारण कोई शौक या फिर मजे नहीं है। बल्कि अगर आप भी इन लोगों की पीड़ा के बारे में सुनेंगे, तो हैरत में पड़ जाएंगे। दरअसल, जब भी बारिश होती है तो पूरा का पूरा जिला बाढ़ की चपेट में आ जाता है। ऐसे में कटाव की वजह से घर के घर बाढ़ के पानी में डूब जाते हैं।
ऐसे में लोगों से उनका आशियाना छिन जाता है। बाबूपुर की बात करें तो ये रजन्नीपुर बहुत बड़ा गांव हुआ करता था। लेकिन धीरे-धीरे ये गंगा नदी के आगोश में समाता चला गया। इसके बाद लोग शन्तनगर में आकर रहने लगे। ये इलाका निचला होने की वजह से बाढ़ के पानी में पूरी तरह से डूब जाता है। जिस वजह से यहां के लोगों के लिए अपनी जिंदगी गुजारना काफी मुश्किल हो जाता है।
लोगों की जिंदगी पिछले 15 सालों से ऐसे ही कट रही है। हर साल ये लोग अपना नया आशियाना बनाते हैं और इनके घर बाढ़ के पानी में डूब जाते हैं। अंजाम कुछ ऐसा होता है कि इनके पास ना तो खाने के लिए कुछ होता है, और ना ही पहनने के लिए। ऐसे में हर साल ये लोग पेड़ पर नया आशियाना बनाकर जिंदगी गुजर-बसर करते हैं।

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