29 फरबरी तक नहीं बुलाया सत्र तो फंसी शहबाज और आसिफ की कुर्सी का सपना
राष्ट्रपति का मानना है कि संसद का निम्न सदन अभी अधूरा है क्योंकि कुछ रिजर्व सीटों का आवंटन नहीं हुआ है. वैसे, पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को आरक्षित सीटें आवंटित कर दी हैं लेकिन पीटीआई समर्थित स्वतंत्र उम्मीदवारों के उनके रैंक में शामिल होने के बाद उसने सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल को रिजर्व कोटा नहीं दिया है. आयोग का कहना है कि ये मामला पेंडिंग है.
अंदरखाने पता चल रहा है कि राष्ट्रपति ने सत्र के प्रस्ताव को न तो स्वीकार किया है और न ही खारिज. उन्होंने केवल मौखिक प्रतिक्रिया दी है. अब पीएमएल-एन के नेता कह रहे हैं कि अगर राष्ट्रपति संविधान के तहत ऐसा नहीं करते हैं कि नेशनल असेंबली के स्पीकर 29 फरवरी को सत्र बुला सकते हैं.
पाकिस्तान में संविधान के आर्टिकल 91 (2) के तहत आम चुनाव के 21 दिन के भीतर नेशनल असेंबली का सत्र आयोजित किया जाना अनिवार्य है.