इस तेल के साथ ‘ओरांगुटान’ फ्री, मलेशिया का मास्टर प्लान
ओरांगुटान मलेशिया और इंडोनेशिया के मूल निवासी हैं. यह एक गंभीर रूप से लुप्तप्राय प्रजाति हैं. लगातार वर्षावनों के सिकु़ड़ने और कृषि विस्तार ने उनके अस्तित्व को खतरे में डाल दिया है. कृषि विस्तार का एक प्रमुख कारण ताड़ के तेल के बागानों के लिए हो रहा है.
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक डब्ल्यूडब्ल्यूएफ का कहना है कि ओरांगुटान नाम का अर्थ ‘जंगल का आदमी’ है और यह बोर्नियो द्वीप पर लगभग 105,000 और सुमात्रा पर कुछ हजार बचे हैं.
रॉयटर्स के मुताबिक यह प्रस्ताव पिछले साल यूरोपीय संघ द्वारा वनों की कटाई से जुड़ी वस्तुओं पर आयात प्रतिबंध को मंजूरी देने की वजह से लाया गया है. इस प्रतिंबध से पाम तेल भी प्रभावित हो सकता है. दुनिया में पाम तेल के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक मलेशिया ने इस कानून को भेदभावपूर्ण बताया है.
ओरांगुटान गिफ्ट में देने की योजना का मकसद यह संदेश देना है कि मलेशिया अपनी अर्थव्यवस्था को विकसित करना चाहता है, और इसके साथ ही लुप्तप्राय प्रजाति को जीवित रखने के लिए भी गंभीर है.
जौहरी ने कहा कि चीन, भारत और यूरोपीय संघ जैसे पाम तेल के प्रमुख आयातकों को वानरों को उपहार के रूप में पेश किया जाएगा. उन्होंने एक्स पर कहा, ‘यह वैश्विक समुदाय को साबित करेगा कि मलेशिया जैव विविधता संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है.’