कोषाध्क्षय के बगैर बीसीसीआई का फैसला, मालामाल हुए चयनकर्ता, अम्पायर
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स्पोर्ट्स डेस्क
क्रिकेट परिचालन विंग के फैसले ने खेल से जुड़े कार्यकर्ताओं के चेहरे पर चोरी मुस्कान फैला दी है। बीसीसीआई ने तीन राष्ट्रीय चयनकर्ताओं का पारिश्रमिक बढ़ाने के साथ अंपायरों, स्कोरर और वीडियो विश्लेषकों की फीस दोगुनी करने का फैसला किया। बीसीसीआई की सबा करीम की अध्यक्षता वाली क्रिकेट परिचालन विंग ने यह फैसला किया। सीओए को भी लगता है कि मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद एंड कंपनी को उनकी सेवाओं का फायदा मिलना चाहिए।
दिलचस्प बात है कि बीसीसीआई कोषाध्यक्ष अनिरूद्ध चौधरी वेतन बढ़ाने के फैसले से अवगत नहीं थे। अभी चेयरमैन को सालाना 80 लाख रुपये जबकि अन्य चयनकर्ताओं को 60 लाख रुपये मिले रहे हैं। पारिश्रमिक बढ़ाने का फैसला इसलिये लिया गया क्योंकि बाहर किये गये चयनकर्ता गगन खोड़ा और जतिन परांजपे भी इतना ही वेतन हासिल कर रहे हैं जितना देवांग गांधी और सरनदीप सिंह।
बीसीसीआई के सीनियर अधिकारी ने कहा , चयनकर्ताओं की नियुक्ति आम सालाना बैठक में ही हो सकती है, जतिन और गगन सेवा नहीं देने के बावजूद नियमों के अनुसार इतनी ही सैलरी पा रहे हैं। देवांग और सरनदीप के साथ यह ठीक नहीं होगा क्योंकि वे देश से बाहर भी आते जाते रहते हैं।
उम्मीद है अब मुख्य चयनकर्ता को करीब एक करोड़ रुपये मिलेंगे जबकि दो अन्य को 75 से 80 लाख रुपये के करीब मिलेंगे। बीसीसीआई ने छह साल के अंतराल बाद घरेलू मैच रैफरियों, अंपायरों, स्कोरर और वीडियो विश्लेषकों की फीस भी दोगुनी करने का फैसला किया। फीस बढ़ाने की सिफारिश सबा करीम ने 12 अप्रैल को सीओए के साथ बैठक के दौरान की थी।
हालांकि कोषाध्यक्ष चौधरी को इन वित्तीय फैसलों से दूर रखा गया। बीसीसीआई अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, मुझे याद है कि अनिरूद्ध ने पिछले साल वित्तीय समिति की बैठक के दौरान इस बढ़ोतरी का सुझाव दिया था लेकिन मुझे नहीं लगता कि उन्हें इस बार उन्हें इस फैसले में शामिल किया गया।