कोलकाता टाइम्स :
टाटा ग्रुप ने चीनी मोबाइल फोन बनाने वाली बड़ी कंपनी वीवो के भारत में कारोबार का बड़ा हिस्सा खरीदने की कोशिश की थी. लेकिन, ऐप्पल कंपनी ने इस पर आपत्ति जताई, जिसकी वजह से यह सौदा रुक गया. ऐप्पल और वीवो कंपनियों को कुछ सवाल पूछे गए थे, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. टाटा ग्रुप के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘हम इस खबर को गलत बता रहे हैं.’ अगर टाटा वीवो इंडिया बिजनेस का बड़ा हिस्सा खरीद लेता तो चीन को बड़ा नुकसान हो सकता था. आइए जानते हैं अगर वीवो टाटा के हाथ में आ जाता तो भारतीयों को क्या-क्या फायदा हो सकता था…
टाटा एक भारतीय ग्रुप है और वीवो को खरीदने से भारत में मोबाइल फोन का प्रोडक्शन बढ़ सकता था. इससे रोजगार के अवसर बढ़ते और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती.
टाटा अपनी क्वालिटी के लिए जाना जाता है. वीवो को खरीदने के बाद, टाटा अपने अनुभव और तकनीकी ज्ञान का उपयोग करके वीवो के प्रोडक्ट्स की क्वालिटी में सुधार कर सकता था.
टाटा के पास पहले से ही कई तरह के उत्पाद हैं. वीवो को खरीदने से ग्राहकों के लिए स्मार्टफोन के ऑप्शन बढ़ जाते.
टाटा को भारतीय बाजार की बेहतर समझ है. वीवो को खरीदने के बाद, टाटा भारतीय ग्राहकों की जरूरतों को बेहतर ढंग से समझ सकता था और उनके लिए अधिक सूटेबल प्रोडक्ट्स बना सकता था. टाटा एक भारतीय कंपनी होने के नाते, डेटा सुरक्षा और गोपनीयता को लेकर अधिक गंभीर हो सकती थी.