संजय का लाई-डिटेक्टर टेस्ट में खुले कैसे राज!
इससे इतर कोलकाता पुलिस के मुताबिक अपराध के बाद संजय रॉय ने रेप और हत्या की वारदात को अंजाम देने की बात कबूली थी. हालांकि, हाल ही में उसने अपने बयानों से यू-टर्न लेते हुए दावा किया कि उसे गहरी साजिश में फंसाया जा रहा है और वो निर्दोष है. संजय रॉय ने जेल प्रहरियों से कहा कि उसे रेप और हत्या के बारे में कुछ नहीं पता. उसने जेल में ठीक वही बयान दिया जैसा कि उसने बीते शुक्रवार को सियालदह में एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की अदालत के सामने खुद को बेकसूर बताते हुए और अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए किसी भी मेडिकल टेस्ट के लिए अपनी सहमति दे दी थी.
इसके इतर सीबीआई और कोलकाता पुलिस दोनों को उसकी बेगुनाही के दावे हजम नहीं हो रहे हैं. ये जरूर साफ हुआ है कि संजय रॉय जांचकर्ताओं को गुमराह करने की कोशिश कर रहा था. क्योंकि वो अपने चेहरे पर लगी चोटों और अपराध के समय इमारत में अपनी मौजूदगी के बारे में कोई सही सबूत और वजह नहीं बता पाया था.
डॉक्टर, अस्पताल के सेमिनार हॉल के अंदर मृत पाई गई थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसके साथ यौन उत्पीड़न और प्राइवेट पार्ट्स पर हमले समेत कुल 25 चोटों का पता चला था. संजय रॉय 8 और 9 अगस्त की दरमियानी रात अस्पताल में था. CCTV में वो सुबह 4.03 बजे अस्पताल में दाखिल होते हुए स्पॉट हुआ था. अपराध स्थल पर उनका ब्लूटूथ डिवाइस मिला था. डॉक्टर का शव मिलने के एक दिन बाद 10 अगस्त को रॉय गिरफ्तार हुआ था.
संजय के साइकोलॉजिकल टेस्ट से यह पता चला था कि वो बेहद विकृत मानसिकता का शख्स था. रॉय पोर्न फिल्में और सेक्स वीडियो देखने का आदी था. उसकी रिपोर्ट में जानवरों जैसी प्रवृत्ति पाई गई थी.