टूटा कहर, सर से पैर कुछ भी दिखा तो मुहतासिब महिलाओं देगा दहलाने वाली सजा
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कोलकाता टाइम्स :
तालिबान ने एक नया ‘नैतिकता’ कानून पारित किया है ‘सदाचार का प्रचार और बुराई की रोकथाम’ की आड़ में अफगानिस्तान के लोगों, खासकर महिलाओं पर शरिया या इस्लामी कानून की अपनी व्याख्या लागू करता है. आइए, जानते हैं कि ये काला कानून क्या है? साथ ही कानून अमल में लाने के लिए तैनात मुहतासी कौन हैं?
इस कट्टर कानून के तहत महिलाओं को सार्वजनिक रूप से अपने शरीर या चेहरे का कोई भी हिस्सा दिखाने पर प्रतिबंध लगाया गया है. इस नए फरमान का महिलाओं के रोजाना के जीवन, संगीत, खेल, यात्रा, स्वास्थ्य और यौन गतिविधियों पर भी असर पड़ता है. फरयाब प्रांत के सूचना और संस्कृति विभाग के एक बयान के मुताबिक, तालिबान के सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदज़ादा ने नागरिक और सैन्य अधिकारियों से कहा कि “उन्हें समाज में सदाचार को बढ़ावा देने के कानून को लागू करना चाहिए.”
आधिकारिक राजपत्र में कहा गया है कि महिलाओं को “प्रलोभन या डर से” अपने पूरे शरीर और चेहरे को ढंकना चाहिए. एक महिला की आवाज़, गाना या ज़ोर से पढ़ने को अवरा या अंतरंग माना जाता है. उसे नहीं सुना जाना चाहिए.