January 19, 2025     Select Language
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ऐसे  ही नहीं पड़ा शाही नाम, गुण भी हैं सबसे ऊँचा  

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तेजपत्रक या तेजपात किसी भी नाम से पुकार लीजिये। इसे एक एक शाही मसाला मन जाता है। सर इसके नाम ही शाही नहीं गन भी सम्राटों वाला। तेजपत्ता कफ रोगों के लिए उपयोगी औषधि है।
यह पिप्पली चूर्ण की एक ग्राम मात्रा में शहद के साथ लेने पर खांसी-जुकाम में फायदा होता है।
अदरक के रस के साथ या अदरक के मुरब्बे की चाशनी के साथ इसके पत्तों का चूर्ण लेने से दमे का प्रकोप मिटता है।
पेट के वायु विकारों में, दस्त लगने की स्थिति में और अजीर्ण होने पर इसका काढ़ा पीना लाभकारी होता है।
मधुमेह में भी इसका सीमित मात्रा में प्रयोग किया जाता है। मासिक धर्म की अनियमितता अल्प मात्रा में तेजपत्रक (भोजन में) प्रयोग करने से दूर होती है। मुख की दुर्गंध के नाश के लिए भी इसका प्रयोग लाभकारी है।
मच्छरों को दूर भगाना हो तो तेजपान पर कपूर मिले नीम के तेल का स्प्रे कर जला देना चाहिए।

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