खुला पाकिस्तान का सच, रिसर्च ने बताया 2025 तक रेगिस्तान में तब्दील होगा यह देश
एक तरफ सरकार से इस मुद्दे को गंभीरता से लेने को कहा जा रहा है तो दूसरी तरफ भारत पर सिंधु जल समझौते के उल्लंघन के आरोप मढ़े जा रहे हैं। पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने भी मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए पानी के गहराते संकट के लिए सरकारों को जिम्मेदार बताया है।
अख़बार रोजनामा ‘जंग’ में खबर के अनुसार, जल विशेषज्ञ दशकों से पानी की बढ़ती हुई किल्लत और भविष्य में पैदा होने वाली गंभीर स्थिति की तरफ ध्यान दिलाने की कोशिश करते रहे हैं लेकिन सरकार का रवैया बहुत ही ढीला है। अखबार कहता है कि अंतर्राष्ट्रीय नदियों के पानी से पाकिस्तान के जायज हिस्से को लेने के लिए पैरवी में गफलत और जल भंडारों के निर्माण को लेकर लापरवाही बरती गई। अखबार ने आईएमएफ की रिपोर्ट का हवाला देते हुए लिखा है कि 1990 से किसी भी स्तर पर पानी को लेकर कोई योजना नहीं बनाई गई। अखबार ने सुप्रीम कोर्ट से इस रिपोर्ट में शमिल उन दूसरी वजहों पर भी ध्यान देने को कहा है, जिनके चलते आज पाकिस्तान के सामने पानी की किल्लत एक संकट में तब्दील होती जा रही है।
अखबार कहता है कि पाकिस्तान का 80 फीसदी पानी प्रदूषित है और पानी का संकट आने वाले समय में पाकिस्तान की बहुत बड़ी समस्या साबित होने जा रही है।पाकिस्तान दुनिया के उन 136 देशों में 36वें स्थान पर आता है, जहां पानी की कमी की वजह से सरकार, अर्थव्यवस्था और आम लोग, तीनों ही दबाव में हैं। अखबार के मुताबिक यह संकट इतना गंभीर होगा कि 2 एटमी ताकतों के बीच पानी के संसाधनों के लिए जंग हो सकती है। इसके साथ ही अखबार ने भारत पर सिंधु जल समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाया है।