November 23, 2024     Select Language
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आतंक की जननी पाक को भारत का जवाब : अब तो निभावो वादा, लगाओ लगाम

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कोलकाता टाइम्स 

भारत और अमेरिका दोनों ने ही फाइनेंशियल एक्‍शन टास्‍क फोर्स (एफएटीएफ) के उस कदम का स्‍वागत किया है जिसमें पाकिस्‍तान को ग्रे लिस्‍ट में शामिल करने का फैसला किया है। पाकिस्‍तान को फ्रांस की राजधानी पेरिस में हुई एक मीटिंग के बाद इस लिस्‍ट में शामिल करने का फैसला किया गया था। पाकिस्‍तान अपनी सरजमीं पर आतंकवाद को रोकने और आतंकियों को होने वाली आर्थिक मदद पर नियंत्रण लगाने में असफल रहा। इस वजह से ही उसे इस लिस्‍ट में डाला गया है।

जबकि राजनीतिज्ञों का मानना है पाकिस्तान के जैसे करतूत है उससे उसे ग्रे ने बल्कि ब्लैक लिट् यानि सारी दुनिया से बैन कर देना चाहिए। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय की ओर से इस लिस्‍ट पर एक बयान भी जारी किया गया। इसमें कहा गया है कि भारत, पाकिस्‍तान को ग्रे लिस्‍ट में डालने वाले एफएटीएफ के फैसले का स्‍वागत करता है। एफएटीएफ एक सरकारी संस्‍था है जिसकी शुरुआत साल 1989 में की गई थी। इसका मकसद मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकियों को होने वाली आर्थिक मदद पर लगाम लगाना है।
विदेश मंत्रालय ने लिस्‍ट पर कहा कि पाकिस्‍तान ने अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर राजनीतिक वचनबद्धता जाहिर की थी कि वह एफएटीएफ के मानकों को लागू करके सभी चिंताओं को दूर करने की कोशिश करेगा। साथ ही मनी-लॉन्ड्रिंग और आतंकी संगठनों की आर्थिक मदद रोकने का भी वादा किया था। भारत का कहना है कि अब वह उम्‍मीद करता है कि पाकिस्‍तान अपने वादे को पूरा करेगा और आतंकियों पर लगाम लगाएगा।
इस लिस्‍ट में आने वाला पाकिस्‍तान नौंवा देश है। जो और देश ग्रे लिस्‍ट में शामिल हैं उनमें इथोपिया, सर्बिया, श्रीलंका, सीरिया, त्रिनिदाद और टोबैगो, ट्यूनीशिया और यमन शामिल हैं।

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