हमारा घर ही जेल जैसा, पीएम को दो बेटियों का खत ‘लौटा दो पिता को’
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कोलकाता टाइम्स
पिता को बचने के लिए बेटियों न प्रधानमंत्री को ऐसी खत लिखी जिसे पढ़ किसी के आँखों में भी आँशु आ जाये। उनके पिता एक हुर्रियत नेता नेता हैं और वह जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद फैलाने के आरोप में जल में बंद है। पत्र के अनुसार, हमारे लिए हमारा घर एक जेल की तरह है, जबकि डैडी महीनों से जेल में बंद हैं और उनके खिलाफ लगाए गए कोई भी आरोप साबित नहीं हुए हैं। दोनों ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया, हम आपसे तत्काल व्यक्तिगत हस्तक्षेप की उम्मीद करते हैं।
दोनों लड़कियों ने कहा, हमारी जिंदगी के बीते 11 महीने एक अनाथ की तरह गुजरे क्योंकि हाल ही में तिहाड़ में मिलने से पहले हम अपने प्यारे पिता से मिल नहीं पाए थे। पत्र के अनुसार, हम उन्हें मुश्किल से पहचान सके। मधुमेह, हाइपरटेंशन, गठिया से ग्रसित हमारे पिता का वजन स्वास्थ्य सुविधाओं के आभाव की वजह से 15 किलो तक घट गया है। पत्र में यह भी कहा गया है कि उस देश में जहां प्रधानमंत्री के बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ नारे से उम्मीद खो चुकी सुविधाहीन लड़कियों के बीच उम्मीद जगती है, हम अपनी पढ़ाई को जारी रखने में सक्षम नहीं हैं।