September 28, 2024     Select Language
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किसी फिल्म से कम नहीं थी विधायक समेत 40  हत्या का आरोपी इस डॉन की कहानी

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कोलकाता टाइम्स

बागपत जेल में मारे गए मुन्ना बजरंगी की डॉन बनने की कहानी किसी फिल्म से काम नहीं थी। पूर्वांचल में खौफ का पर्याय बन चुके मुन्ना बजरंगी के सिर 40 से ज्यादा हत्याओं का आरोप है। उत्तर प्रदेश में मुन्ना के नाम से ही लोग कांपते थे।

मुन्ना को कल रात ही झांसी जेल से बागपत जेल ट्रांसफर किया गया था। मुन्ना को उत्तराखंड के कुख्यात अपराधी सुनील राठी और विक्की सुंहेड़ा के साथ रखा गया था।
मुन्ना बजरंगी का असली नाम प्रेम प्रकाश सिंह था। 1967 में उत्तर प्रदेश के जौनपुर में जन्में मुन्ना को उसके पिता बड़ा आदमी बनाना चाहते थे। उसके पिता का सपना था कि मुन्ना पढ़-लिखकर बड़ा आदमी बने, लेकिन मुन्ना के सिर पर कोई और ही भूत सवार था। मुन्ना तो फिल्मों की तरह बड़ा गैंगस्टर बनना चाहता था। इसलिए मुन्ना ने पांचवी के बाद ही पढ़ाई छोड़ दी और गैंगस्टर की दुनिया में जानें वाले शौक पाल लिए। उसे हथियार रखने का भी शौक चढ़ गया था। जुर्म की दुनिया में जाने के शौक के चलते 17 साल की उम्र में ही उसपर पहला मुकदमा दर्ज हो गया था। उसके खिलाफ जौनपुर के सुरेही थाना में मारपीट और अवैध हथियार रखने का केस दर्ज किया गया। अपने पहले मुकदमे के बाद मुन्ना इस अंधेरी दुनिया में धंसता ही चला गया। अपराध की दुनिया में अपना नाम बनाने के लिए मुन्ना जौनपुर के स्थानीय दबंग गजराज सिंह के साथ हो गया। उसके संरक्षण में मुन्ना जुर्म की दुनिया में आगे बढ़ने लगा। जिसके बाद कभी रुका ही नहीं। उसकी मौत भी फ़िल्मी स्टाइल में जेलके अंदर हुआ।

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