टोपी नहीं शादी का सिग्नल है यह
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कोलकाता टाइम्स
सिर्फ भारत ही नहीं कई देश ऐसे हैं जहाँ में बिल्कुल भारत की तरह मां-बाप बच्चों की शादी की फिक्र करना शुरू कर देते हैं।
ऐसा ही एक देश है फ्रांस, जहां वह महिलाएं, जिनकी उम्र 25 वर्ष या इससे अधिक है और वह कुंवारी हैं, तो उनके लिए एक खास दिन है, जिसे ‘सेंट कैथरीन डे’ कहते हैं। वैसे तो ‘सेंट कैथरीन डे’ मनाने के पीछे एक अलग कारण है। दरअसल, 10वीं सदी में एक राजा मैक्सीमिनस द्वितीय ने कैथरीन नामक एक लड़की का सिर धड़ से अलग कर दिया था। कैथरीन ने लोगों के लिए अपना बलिदान दिया था क्योंकि कैथरीन भी कुंवारी थी और 25 वर्ष की थी, तो यह महिला विशेष दिवस बन गया।
लोग इस दिन चर्च में कैथरीन के नाम की कैंडल जलाने लगे और कुंवारी महिलाएं अपने अच्छे पति की कामना करने लगीं। कुंवारी महिलाओं को वहां ‘कैथरीनेट्स’ कहा जाता है। कैथरीनेट्स एक-दूसरे को पोस्टकार्ड भेजती हैं और कैथरीनेट्स के मित्र उनके लिए हैट्स बनाते हैं। यह हैट्स परंपरागत रूप से पीले और हरे रंग के होते हैं। महिलाएं ताज की तरह उसे पूरे दिन पहनती हैं और अपने लिए अच्छे पति की कामना करती हैं।
लोग इस दिन चर्च में कैथरीन के नाम की कैंडल जलाने लगे और कुंवारी महिलाएं अपने अच्छे पति की कामना करने लगीं। कुंवारी महिलाओं को वहां ‘कैथरीनेट्स’ कहा जाता है। कैथरीनेट्स एक-दूसरे को पोस्टकार्ड भेजती हैं और कैथरीनेट्स के मित्र उनके लिए हैट्स बनाते हैं। यह हैट्स परंपरागत रूप से पीले और हरे रंग के होते हैं। महिलाएं ताज की तरह उसे पूरे दिन पहनती हैं और अपने लिए अच्छे पति की कामना करती हैं।