इंसान ही तैयार कर रहा अपना फ्यूचर सबस्टीटूट
कोलकाता टाइम्स
प्रकृति की सृष्टियों में इंसान सबसे बेहतरीन कलाकारी मानी जाती है। उसने हमे सबकुछ दिया।दिल, उम्दा दिमाग। जिससे वो अपने अलावा दूसरे जीवों का भी ध्यान रख सकें। लेकिन उसी दिमाग का इस्तमाल कर अब इंसान अपना सबस्टीटूट बनाया। वह है रोबोट। जो धीरे धीरे इंसान की जगह लेने की होड़ में शामिल हो गया है। सिर्फ काम के मामले में ही नहीं रोबोट अब इमोशंस के मामले में भी इंसानों की बराबरी कर रहा है।
जर्मनी के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक शोध के मुताबिक,रोबोट को दिन-प्रतिदिन कुशल बनाने की होड़ में कंपनियां उसे इंसानों की तरह ही भावनात्मक शक्तियां देने में लगी हैं। जहां पहले रोबोट सिर्फ हाथ हिलाता था, तो वहीं अब वही रोबोट मनुष्य से दोस्ताना व्यवहार करना सीख गया है और लगातार ऐसा ही रहने पर भविष्य में तस्वीर बदल सकती है।
आपको बता दें कि भविष्य में रोबोट मनुष्यों को अपनी इच्छानुसार काम करने के लिए प्रेरित भी कर सकता है और इसकी शुरूआत अभी से हो चुकी है। दुनिया के कई देशों की बड़ी कंपनियों ने अपने यहां लोगों को नौकरियों से निकाल कर रोबोट से काम करवाना शुरू कर दिया है। हाल ही में humanoid(रोबोट) पर किए गए एक शोध में पाया गया कि उसे अंधेरे में रखने पर वह अंधेरे से डर गया था। यही नही, इसके साथ ही ग्राउंडब्रैकिंग रिसर्च और डुइसबर्ग-एस्सेन विश्वविद्यालय की एक टीम ने अपनी एक शोध में निष्कर्ष निकाला कि मेचनोइड्स नामक रोबोट से उसी तरह व्यवहार किया जाना चाहिए जैसे वो किसी अन्य व्यक्ति के साथ व्यवहार करते हैं। साथ ही, रोबोट से किए गए दुर्व्यवहार को भी ग़लत माना जाएगा।
इस सिद्धांत को साबित करने के लिए, 89 लोगों से नाओ नामक के एक humanoid (रोबोट) के साथ बातचीत करने के लिए कहा गया। जिसमें कई लोगों ने रोबोट के लिए खेद जताया, और कुछ लोगों ने कहा कि उन्होंने रोबोट को बंद नहीं किया क्योंकि उन्होंने उनसे कुछ नहीं पूछा।