क्रायोथेरेपी में छुपा है जवां और चुस्त-दुरुस्त दिखने का राज
कोलकाता टाइम्स
क्रायोथेरेपी का उपयोग शरीर की मांसपेशियों के खिचने और ऊतकों के कमजोर होने पर किया जाता है। इसके अलावा ये चेहरे को बेदाग और सुंदर भी बनाता है। ये थेरेपी कई मायनों में शरीर को बहुत फायेदा पहुंचाती है। इसलिए बहुत जल्दी ये लोगों के बीच पॉप्युलर हो गई है। इसीलिए हॉलीवुड से लेकर बॉलीवुड सेलिब्रेटी में इसका क्रेज है।
क्रायोथेरपी में इंसान को बहुत कम तापमान में रखा जाता है इसे आइस पैक थेरेपी या क्रायो सर्जरी के नाम से भी जाना जाता है। इस थेरेपी के माध्यम से शरीर की नसों में रहने वाले दर्द और ऐंठन का इलाज किया जाता है। क्रायोथेरपी के द्वारा शरीर की कोशिकाओं में बढ़ोत्तरी को भी रोकने में मदद मिलती है। क्रायोथेरेपी से शरीर के उस स्थान के बढ़े हुए तापमान को कम करता है, रक्त संचार की गति को बढ़ाता है, यह तंत्रिकाओं के वेग को भी कम कर देता है जिसके कारण दर्द को काबू में आ जाता है।
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क्रायोथेरेपी क्रायोथेरेपी के लिए एक विशेष प्रकार का कमरा होता है जिसमें बिना कपड़ों के इंसान को रखा जाता है। उस कमरे में बहुत ही ठंडी हवा लगभग -100 डिग्री से. लगभग 4 से 5 मिनट तक डाली जाती है। क्रायोथेरेपी में ब्लड और स्किन पर असर सीधा पड़ता है। जब ठंडी हवा शरीर पर पड़ती है तो ब्लड स्किन के सर्फेस तक पहुंच जाता है और स्किन में मौजूद विषैले तत्वों को या ता निकाल देता है या प्यूरीफायर कर देता है। इसके अलावा स्किन जहां से अपनी चमक खोती जा रही है या जहां दाग-धब्बें मौजूद होते हैं। वहां पर नाइट्रोजन के जरिए फ्रिज किया जाता है जो स्किन की सारी समस्याओं को तुरंत खत्म कर देता है।
ये थेरेपी मांसपेशियों में आई सूजन और दर्द को दूर करती है। इसलिए बड़े-बड़े एथलीट इस थैरेपी के मुरीद है। फुटबॉलर रोनाल्डो ने अपने घर पर स्पेशल क्रायोथैरेपी चेंबर बनाया हुआ है जहां वो पोस्ट वर्कआउट 3 मिनट बिताते हैं। इसके अलावा रणबीर कपूर की भी इस थेरेपी को लेते हुए फोटोज वायरल हो चुकी है। हॉलीवुड हसीनाओं में केट मॉस, जेसिका अल्बा, जेनिफर जेनिफर एनिस्टन और डेमी मूरे भी इस थेरेपी को लेना पसंद करती है।
स्किन की समस्याओं को करती है दूर ये थैरेपी स्किन की सारी समस्याओं को एक साथ खत्म करने की सबसे बेहतर प्रक्रिया है। इसके द्वारा मस्से, तिल, सनबर्न इत्यादि का इलाज किया जाता है। मुंहासे और किसी चोट के निशान का भी इलाज इसके द्वारा संभव है।
क्रायोथैरेपी से जांघों, कूल्हों और पैरों पर ही जमा हो चुके है अतिरिक्त फैट या सेल्युलाइट को कम करता है। लेकिन क्रायोथैरेपी फैट टिशू को हाइड्रेट कर देती है और इससे सेल्युलाइट कम हो जाता है और इससे वजन कम करने में मदद मिलती है। साथ ही यह त्वचा की अन्य समस्याएं जैसी एक्जिमा आदि को भी कम करता है।
क्रायोथेरेपी माइग्रेन के कारण होने वाले सिर दर्द को भी कम करती है। एक रिसर्च के अनुसार यह माइग्रेन के दर्द को कम करने के लिए भी यह थेरेपी उपयोगी है। क्रायोथेरेपी से थकान तुरंत कम होती है। 3 मिनट के एक सेशन में ही इसमें थकान कम हो जाती है और भरपूर ऊर्जा मिलती है। टफ वर्कआउट के बाद मसल्स में आई थकान और सूजन को कम करता है।
क्रायोथेरेपी से वैसे तो सभी लोगों का इलाज हो सकता हे लेकिन बीमारियों से होने वाले घावों के इलाज में यह उपयोगी नहीं है। हर चीज की तरह इसके भी कुछ साइडइफेक्ट्स है इसलिए अगर आप क्रायोथेरेपी कराने के बारे में सोच रही है तो किसी डर्मेटोलॉजिस्ट से जरुर सलाह अवश्य लें।
इन स्थितियों में अवॉइड करें – खुले घावों में इसका प्रयोग न करें – उच्च रक्तचाप होन पर – हृदय रोगों में – त्वचा संक्रमण होने पर – शरीर में किसी तरह की कंपकंपी या झनझनाहट होने पर। – शीत पित्ती (Cold Urticaria) में।