इस अंगूठी को पेहेनते ही मिलेगा अपार धन होंगे प्रसिद्ध
कोलकाता टाइम्स
अगर कुंडली के प्रथम भाव में शनि होता है तो व्यक्ति के जीवन में धन की कमी हमेशा ही बनी रहती है। ऐसा माना जाता है कि शनि केअशुभ फल को दूर करने के लिए नीलम को धारण किया जाता है। नीलम धारण करने से धन, यश, प्रसिद्धि, जॉब, व्यवसाय और वंश में वृद्धि होती है। औषधि के रूप में नीलम से दमा, क्षय, कुष्ठ रोग, खांसी, नेत्र रोग, मस्तिष्क के विकारों में भी लाभ होता है।
रत्न विक्रेता बताते हैं कि नीलम 35 रूपये प्रति कैरट से लेकर 50 हजार रूपये प्रति कैरेट तक का होता है। अगर व्यक्ति को नीलम पहचानने की थोड़ी सी समझ हो तो रत्न की खरीदारी में ठगे जाने की संभावना कम रहती है। अच्छी क्वालिटी के नीलम को अगर दूध में डाल दिया जाए तो दूध का रंग नीला दिखता है। पानी से भरे कांच के गिलास में नीलम को रखें तो पानी के ऊपर नीली किरण दिखाई देगी। असली नीलम चमकीला और चिकना होता है। मोर के पंख के समान इसका रंग नीला होता है। यह पूरी तरह से पारदर्शी होता है इसके ऊपर रोशनी डालने पर नीली आभा छिटकती है।
नीलम शनिवार को पंचधातु, स्टील या चांदी की अंगूठी में शुक्लपक्ष में पूजा पाठ के बाद सूर्यास्त के दो घंटे पहले दाहिने हाथ की मध्यमा उंगली में पहनना चाहिए। नीलम कम से कम पांच रत्ती का होना चाहिए। लेकिन नीलम के साथ केवल पन्ना, हीरा और गोमेद ही धारण करना चाहिए।